बीकानेर, 26 मई : स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कृषि संकाय में अध्ययन अध्यापन से जुड़े नियमों तथा विषयों पर समीक्षा के लिए शुक्रवार को संकाय अध्यक्ष डॉ. आई. पी. सिंह की अध्यक्षता में अध्ययन मंडल की बैठक का आयोजन कृषि महाविद्यालय बीकानेर के सभागार में किया गया जिसमें मंडावा, श्रीगंगानगर, चांदगोठी तथा हनुमानगढ़ के कृषि महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक अनुसंधान, परीक्षा नियंत्रक एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्षों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विशेषज्ञों के तौर पर डॉ अमरनाथ तिवारी पूर्व अधिष्ठाता कृषि संकाय तथा डॉ.सी.पी. सचान पूर्व निदेशक (बीज) चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर ने अपने सुझाव रखे। बैठक में बेस्ट थीसिस अवार्ड, परीक्षा पुस्तिका के मूल्यांकन, विद्यावाचस्पति के अभ्यर्थियों को स्वर्ण पदक देने, शस्य विज्ञान के सिलेबस में आंशिक संशोधन तथा यूजीसी रेगुलेशन 2018 पर चर्चा हुई। इस अवसर पर ड़ॉ. अमरनाथ तिवारी ने कहा कि अध्ययन- अध्यापन में निरंतर सुधार से ही विद्यार्थियों का भविष्य संवरता है।
खरीफ 2023 में बीज उत्पादन की समीक्षा बैठक आयोजित
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के राष्ट्रीय बीज परियोजना अंतर्गत खरीफ 2023 में बीज उत्पादन की समीक्षा के लिए शुक्रवार को कुलपति डॉ अरुण कुमार की अध्यक्षता में कुलपति सचिवालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विशेषज्ञ के रूप में डॉ. अमरनाथ तिवारी, पूर्व अधिष्ठाता कृषि संकाय तथा डॉ.सी.पी.सचान, पूर्व निदेशक (बीज), चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, कानपुर मौजूद रहे।
कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान केन्द्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, उप केंद्र तथा यांत्रिक एवं केन्द्रीय फार्म पर बीज उत्पादन के लक्ष्यों के निर्धारण के उद्देश्य से आयोजित बैठक में सभी केंद्रों के अधिकारियों ने भाग लिया। यह जानकारी देते हुए अतिरिक्त निदेशक बीज, डॉ.एन.के. शर्मा ने बताया कि आगामी खरीफ बैठक में लगभग 1500 क्विंटल बीज उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें मूंग, मोठ, ग्वार, मूंगफली, बाजरा, धामन, सेवण के बीज उत्पादन के अतिरिक्त थारशोभा खेजड़ी, सहजन, सजावटी पौधे, सब्जियों की पौध तथा नेपियर बाजरा का उत्पादन लिया जाएगा।
निदेशक अनुसंधान डॉ. पी.एस. शेखावत ने बताया कि यंहा की जलवायु में बाजरा की धनशक्ति तथा बी.एच.बी.-1602 किस्मों की मांग ज्यादा है। कुलपति अरुण कुमार ने कहा कि कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए उन्नत किस्म के स्थानीय जलवायु सहिष्णु बीजों का विशेष महत्व है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए विकसित नई किस्मों के बीज उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ड़ॉ. अमरनाथ तिवारी ने कृषक सहभागिता से बीज उत्पादन कर विश्वविद्यालय की आमदनी बढ़ाने का सुझाव दिया।