अजान के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल ‘मौलिक अधिकार’ नहीं-इलाहाबाद हाई कोर्ट

प्रयागराज

प्रयागराज, अभय। एक ओर जहां प्रदेश सरकार सूबे के धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकरों को लेकर सख्त हैं वहीं अब हाई कोर्ट ने भी कह दिया है कि अजान के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल ‘मौलिक अधिकार’ नहीं है।

यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा के बाद सूबे में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक लाख से ज्यादा लाउडस्पीकर या तो हटवा दिए या उनकी आवाज इतनी कम कर दी कि केवल धार्मिक स्थल के परिसर में ही इनकी आवाज सुनाई दे सकती है।

इसके बाद अजान के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल ‘मौलिक अधिकार’ नहीं है का फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट से आना एक बड़ा घटनाक्रम माना जा सकता है। अब तो प्रदेश में अब अजान के दौरान लाउडस्पीकर पर पूरी तरह से पाबंदी लगनी तय है। कार्यपालिका और विधायिका के साथ ही न्यायपालिका भी इसके पक्ष में हैं।

योगी राज 2.0 में सरकार पहले ही धार्मिक स्थल के परिसर में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सख्त है। उधर, महाराष्ट्र में नवनीत राणा घटनाक्रम के बाद दो समुदायों में समझ बढ़ाने और किसी भी तरह के टकराव को टालने के लिए यह फैसला अहम रोल निभाने वाला बनेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की याचिका को खारिज कर दिया।