पर्ल परियोजना एवं समग्र शिक्षण विकास संस्थान के सहयोग से दलित व महादलित की महिलाएं होंगी आत्म निर्भर, सीखेंगी विभिन्न प्रकार की गुण

बगहा

Bagaha/JP Srivastava: पश्चिम चंपारण के बगहा एक प्रखंड के चौतरवा शरणार्थी कॉलोनी में शनिवार को पर्ल परियोजना एवं समग्र शिक्षण विकास संस्थान बेतिया के द्वारा 6 पंचायत के 8 दलित व मुसहर बस्तियों में संस्थान स्वरोजगार और महिलाओं को स्वालंबी बनाने हेतु जागरूक किया। इस दिशा में संस्थान के द्वारा 8 टोला में 22 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। जिसमे 400 से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया। उपस्थित महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए बटेर पालन,मुर्गी पालन, बकरी पालन, सुअर पालन, सब्जी की खेती तथा बांस से बनने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाने की गुड बताया गया।

यहां तक की महिलाएं इस संस्थान के द्वारा आत्म निर्भर हुई है। तथा संस्था की सहयोग से मुर्गी पालन, सुअर पालन, बकरी पालन कर रही है। साथ ही महिलाओं में काफी परिवर्तन भी दिख रहा है। इसलिए संस्थान और परियोजना के तरफ से एक्सपोजर कराया गया।

इस दौरान चौबरिया, बांकिया, मुड़ली, सिकटौर, बहुआरवा,पूर्वी लगुनहा, सलहा, दुसासदी पट्टी के समूह के 80 महिलाओं को निजी सवारियों से जिवका के एरिया कॉर्डिनेटर ममता कुमारी, सीसी सुधवाला देवी, परियोजना समन्वयक अनिरुद्ध महतो, कृषि विशेषज्ञ अफरोज आलम, सीबीआई मुन्ना यादव के नेतृत्व में हरी झंड़ी दिखाकर गाड़ी को रवाना किया।

ताकि पश्चिम चंपारण जिला के नौतन स्थित सिवरही के समूह के सदस्यों द्वारा किए गए स्वरोजगार के कार्यों एवम सब्जी के खेती की मॉडल को देखेगी। तथा कार्यों को अपने क्षेत्र में उतराने की कोशिश करेंगी।