आरा(विशाल सिंह): बरसों से जीर्णोद्धार के लिए टकटकी लगाए जमीरा के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भाग्य अब बदल जाएगा। क्योंकि, इसका कायाकल्प बदलने के लिए बिहार सरकार ने एक करोड़ 60 लाख रुपए की राशि का आवंटन पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष सह विधायक अमरेंद्र प्रताप के पहल पर किया है।

इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जीर्णोद्धार को लेकर वर्षो से संघर्ष कर रहा है।जिला परिषद सदस्य धनंजय यादव ने खुशी जाहिर की है। धनंजय यादव के नेतृत्व में पब्लिक ने एक मुहिम कई वर्ष पहले चलाया था।ताकि, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीरा का कायाकल्प हो सके। और यहां मरीज इलाज के लिए फिर से आ सके। जो कई वर्षों से दूसरे स्थान पर जाकर इलाज कराते थे।
आजादी के बाद कभी यहां होता था मरीजों की भरमार
उन्नीस सौ साठ से सत्तर के दशक में इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था। उस समय मरीजों की काफी संख्या में भीड़ रहती थी। बाद में रख रखाव के अभाव में इस की स्थिति दिन पर दिन खराब होती चली गई। यहां इलाज करने वाले डॉक्टर के हाथ पर बाउंड्री का मलबा गिर पड़ा था।जिसके बाद जख्मी डॉक्टर का हाथ काटना पड़ा था। वह अभी भी वहीं बैठते हैं।लेकिन मरीज अब वहां पर इलाज के लिए नहीं आते हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब जीर्णोद्धार के बाद इसका कायाकल्प बदलेगा। बताया जा रहा है कि अब प्रसूति के लिए एक अलग से वार्ड था।

बहुत लोगों ने किया संघर्ष एक करोड़ 60 लाख की राशि स्वीकृत
अब इस स्वास्थ्य केन्द्र के जीर्णोद्धार के लिए बिहार सरकार ने एक करोड साठ लाख की राशि स्वीकृत किया है।बता दे कि जमीरा गाँव की आबादी लगभग बारह हजार है। यह आस पास के बहुत सारे गाँवों से जुडा हुआ है।इस अस्पताल के बन जाने से जमीरा सहित समस्त आस पास के गाँवो को ससमय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो जायेगा तथा सदर अस्पताल आरा से जनदबाव में भी काफी कमी आयेगी।
यह अस्पताल आरा प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इसके निर्माण के लिए आरा सदर पुर्वी के जिलापार्षद धनंजय यादव ने एवं उनकी टीम ने पब्लिक की सहायता से पहले जिला परिषद की बैठक में मांग उठाया था। इसके बाद उनके अथक प्रयासों से पूर्व जिला अधिकारी वीरेंद्र कुमार का सदर अस्पताल के पूर्व सीएम डाक्टर रासबिहारी सिंह एवं उप बिकाश आयुक्त शशांक शुभंकर ने सरकार तक बात पहुंचाई।
इस दौरान आरा के भाजपा के पूर्व विधायक सह विधानसभा उपाध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप ने इस मामले में पहल की। उन्होंने बिहार सरकार से लड़कर इसके जीर्णोद्धार के लिए 1 करोड़ 60 लाख रुपए लेकर आए। इधर जिला परिषद सदस्य धनंजय यादव ने कहा कि काफी मेहनत का प्रयास के बाद यहां के लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैंने इसके लिए बहुत संघर्ष किया था।जिसका परिणाम सामने आया।