BHAGALPUR : स्टीमर की चपेट में आने से 50 मवेशियों के साथ 2 लोग गंगा में डूबे, एसडीआरएफ खोजबीन में जुटी

बिहार भागलपुर

Ramesh Singh : भागलपुर जिले के बरारी के विसर्जन घाट पर स्टीमर की चपेट में आने से करीब 50 मवेशी गंगा में समा गए। वहीं 8 युवकों में से 6 युवक ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचाई। अभी भी दो युवक लापता है जिसकी खोजबीन जारी है। स्थानीय गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम खोजबीन में जुटी है।

लोगों ने बताया कि मुसहरी घाट से रोजाना भैंस चराने के लिए चरवाहा दक्षिणी भाग से उत्तरी भाग की ओर गंगा नदी पार कर जाया करते हैं इसी दौरान स्टीमर की पंखी के चपेट में आने से यह बड़ा हादसा हुआ। जिसमें 45 से 50 भैंस डूब गये और दो व्यक्ति अभी भी गायब हैं। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची बरारी थाना समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची।

वहीं एसडीओ धनंजय कुमार भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिये। इस दौरान पूरा विसर्जन घाट छावनी में तब्दील हो गया। ग्रामीणों का हुजूम लग गया। वहीं लापता चरवाहे की पहचान मायागंज के निवासी सिकंदर यादव और कारू यादव के रूप में हुई है। 8 चरवाहे में से 6 चरवाहे तो किसी तरह जान बचाकर मौत के मुंह से निकल गए लेकिन दो युवक सिकंदर यादव और कारु यादव अभी भी लापता हैं जिसकी खोजबीन में एसडीआरएफ की टीम और स्थानीय गोताखोर लगे हुए हैं।

भैंस चराने जा रहे चरवाहा जो कि बरारी का रहने वाला धीरज है। उसने बताया कि वह किसी तरह जान बचाकर मौत के मुंह से बाहर निकला है। धीरज ने ग्रामीणों को अपनी आपबीती बतायी। यह सुनकर ग्रामीण भी दंग रह गये। धीरज ने कहा कि वह मौत के मुंह से बाहर निकला है। उसके सामने ही गंगा की तेज धार में दो युवक गंगा नदी में समा गये। उसके साथ उसका 5 साथी किसी तरह तैरकर गंगा से बाहर निकला। जबकि 45 से 50 मवेशी गंगा में समा गए।

भागलपुर की इस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर एसडीओ धनंजय कुमार पहुंचे। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्थानीय गोताखोरों ने डूबे दो युवक सिकंदर यादव और कारू यादव को ढूंढने का काम शुरू किया अभी तक दोनों का पता नहीं लग पाया है। दोनों की खोजबीन जारी है। उधर लापता युवक सिकंदर यादव और कालू यादव के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है कि वर्षों से भैंस लेकर गंगा नदीं के उस पार चारा खिलाने के लिए जाया करता था लेकिन आज किस्मत खराब थी। दोनों मवेशियों के साथ गंगा में समा गये।