डुमरांव : स्मृति दिवस पर उस्ताद बिस्मिल्ला खां की पैतृक भूमि का सुधि लेने पंहुचे डीडीसी

ट्रेंडिंग देश-विदेश बक्सर बिहार

बक्सर के डीडीसी डा.महेन्द्र पाल ने कहा कि नागरिको के सुझाव व सहयोग से उस्ताद की स्मृति को संजोया जाएगा
बक्सर,विक्रांत। शहनाई के शंहशाह भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खां की स्मृति दिवस 21 अगस्त के मौंके पर प्रशासन द्वारा उनकी सुधि ली गई। डुमरांव स्थित पैतृक भूमि पर सीओ सुनिल कुमार वर्मा संग जिला के डीडीसी डा.महेन्द्र पाल पंहुचे और भू-खंड का मुआयना किया।

मौके पर डीडीसी द्वारा डुमरांव के सीओ को भू-खंड से संबधित संपूर्ण ब्योरा दो दिन के अंदर उपलब्ध कराए जाने को निर्देशित किया। लाव लस्कर के साथ उस्ताद की पुण्य तिथि के अवसर पर उनके पैतृक भू-खंड पर डीडीसी के पंहुचने की खबर सुनकर आस पास के लोग भी उत्सुकता वश पंहुच गए।

काफी दिनों के बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उस्ताद के भू-खंड की सुधि लिए जाने पर स्थानीय लोग प्रसन्न हो उठे। उप विकास आयुक्त ने वहां मौजूद आस पास के लोगो से भी उस्ताद के भू-खंड की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली। नागरिको द्वारा उप विकास आयुक्त को उस्ताद के अपनो द्वारा जमीन के कथित प्रहरी के हाथों सौदा कर दिए जाने की जानकारी दी गई।

वहीं उप विकास आयुक्त ने स्थानीय पत्रकारो से रूबरू होने पर उप विकास आयुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन उस्ताद की स्मृति में उनके भू-खंड पर संग्रहालय, प्रेक्षागृह अथवा सामुदायिक भवन का निर्माण कराए जाने को लेकर विचार कर रही है। डीडीसी डा.महेन्द्र पाल नें बताया कि बहुत जल्द ही उस्ताद की स्मृति को संजोने की दिशा में डुमरांव नागरिको की एक कमिटी का गठन करने के लिए जिला प्रशासन ने मन बनाया है। गठित कमिटी के माध्यम से निर्णय लिए जाने के बाद उस्ताद की स्मृति को उनके पैतृक नगर डुमरांव में जीवंत करने का काम किया जाएगा।

बता दें, भारत रत्न से नवाजे गए शहनाई के उस्ताद अपनों के बीच अब तक उपेक्षित है। वर्तमान पीढ़ी उस्ताद को भूलने लगी है। उनकी स्मृति को संजोने में शासन व प्रशासन अब तक विफल है। स्मृति संजोने को प्रशासन द्वारा समय समय पर ताना बाना जरूर बुना जाता रहा। पर उस्ताद की स्मृति को संजोए जाने की योजना धरी की धरी रह गई।