मुख्यमंत्री ने अपनी बेईज्जती का रास्ता अपने लिए खुद चुना है, मैंने कहा था मुख्यमंत्री मत बनिए: प्रशांत किशोर

गोपालगंज

DESK : प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो साल पहले उनकी सलाह मान ली होती तो आज उनका ये हाल नहीं होता. प्रशांत किशोर ने कहा-नीतीश जी ने मेरी सलाह नहीं मानी तो उसका खामियाजा भुगत रहे हैं. अब रोज बेईज्जती बर्दाश्त करनी ही पडेगी. चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर इन दिनों पूरे बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं. पिछले 2 अक्टूबर से शुरू हुई उनकी पदयात्रा लगातार जारी है. इसी क्रम में वे सिवान पहुंचे हैं.

सिवान में पत्रकारों ने प्रशांत किशोर से सवाल पूछा कि अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मुख्यमंत्री को दो घंटे इंतजार करा रहे हैं. सीएम के कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दो घंटे बाद पहुंच रहे हैं. जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि अपनी बेईज्जती का रास्ता मुख्यमंत्री ने अपने लिए खुद चुना है. अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा.

प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. 243 विधायकों में से जेडीयू के सिर्फ 42 विधायक चुन कर आय़े थे. प्रशांत किशोर ने कहा- 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मैंने खुद नीतीश जी से मिल कर कहा था कि आप मुख्यमंत्री मत बनिए. आपको बिहार की जनता ने नकार दिया है तो आपको मुख्यमंत्री बनने क्या जरूरत है? और अगर आप मुख्यमंत्री बनेंगे, तो दूसरी पार्टी बड़ा भाई के रोल में रहेगी जिसकी ज्यादा संख्या है.

जाहिर है सरकार में उसी पार्टी की चलेगी आपकी नहीं. लेकिन नीतीश कुमार ने मेरी सलाह नहीं मानी. अब उनको ये सब बर्दाश्त करना पडेगा. नीतीश कुमार पहले कहते थे कि बीजेपी मेरी पार्टी तोड़ रही है, कुछ दिनों बाद कहेंगे कि राजद मेरी पार्टी तोड़ रही है. ये तो होगा ही.

प्रशांत किशोर ने फिर कहा कि बिहार का मौजूदा महागठबंधन चलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस दिन महागठबंधन बना था मैंने उस दिन ही कह दिया था कि ये चलने वाला नहीं है. ये कब तक चलेगा ये तो नहीं बता सकता, लेकिन ये अगले विधानसभा चुनाव तक नहीं चलेगा. अगले विधानसभा चुनाव में ये 7 दल साथ में रहकर चुनाव नहीं लड़ सकते. उन्होंने कहा कि मैंने गठबंधन की राजनीति देखी है, 2015 में मैंने ही महागठबंधन बनवाया था. उसी अनुभव के आधार पर कह रहा हूं कि मौजूदा महागठबंधन नहीं चलने वाला है.