Biharsharif/Avinash pandey : साहस, चरित्र और अच्छे आचरण के अभाव में बेहतर पुलिसिंग की परिकल्पना बेमानी है। यह सेवा है। इसे सेवा-भाव के साथ करें। लोगों की समस्या सुनते वक्त धैर्य रखें। लोगों के प्रति संवेदना रखें, क्योंकि आप उनकी उम्मीद की पहली किरण हैं। उक्त बातें बिहार पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी ने बिहार पुलिस एकेडमी में आयोजित दीक्षांत समारोह में कही। दीक्षांत समारोह में कुल 1 हजार 978 प्रशिक्षु अवर निरीक्षक शामिल थे। जिसके पासिंग आउट परेड की सलामी लेते हुए वे एक गुरु, एक पिता तथा एक मित्र की भांति दिखें।
साहस, आत्मबल और न्याय के साथ लें निर्णय
कहा पुलिसिंग में अनेक चुनौतियां हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए हमें 24 घंटे तैयार रहना पड़ता है। उन चुनौतियों से निपटने के लिए ही यह प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि आप मानसिक, शारीरिक व तकनीकी तौर पर संपन्न हो सकें। साहस, चरित्र और अच्छे आचरण के अभाव में बेहतर पुलिसिंग की परिकल्पना बेमानी है। साहस, आत्मबल और न्याय के साथ निर्णय लें। व्यवहार कुशलता का उच्चतम स्तर होने पर हीं आपका निर्णय सही कहलाएगा। कार्य क्षेत्र में आपका स्वभाव बेझिझक होना चाहिए। कठिन काम जो सबक और अनुभव दे सकता है, वो किसी गुरु या पुस्तक से मिलना संभव नहीं।
पीड़ितों की समस्या का फौरी स्तर पर करें निराकरण
पुलिसिंग आम जन की सेवा है। पुलिस सप्ताह अभियान का यही उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के द्वार तक पुलिस की पहुंच थी। पुलिस स्वयं को पीड़ित की जगह रखकर, उनकी समस्या का फौरी स्तर पर निराकरण करें। जब किसी समस्या का उद्भेदन करना हो तो जमीन पर उतरिए। वहां समय बिताकर देखिए, रात को परिश्रम कीजिए। फिर देखिए समाधान कैसे निकलकर सामने आ जाती है।
गांवों में बहुत कुछ सीखने का मिलेगा मौका
कहा जो बिहार के गांव से हमें सीख मिली है वह कहीं नहीं मिली। ज्ञान की बुनियाद जो प्रशिक्षण के दौरान रखी गई है। उसे कर्तव्य पथ पर और भी निखारने का प्रयास करें। कहा सोशल मीडिया पर पुलिस कार्यशैली का दुष्प्रचार करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
300 प्रशिक्षुओं को एडवांस कंप्यूटर का दिया गया प्रशिक्षण
वहीं बिहार पुलिस एकेडमी के निदेशक श्री भृगु निवासन ने कहा कि पुलिस अवर निरीक्षक 2019 बैच के प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण 14 मार्च, 2022 से प्रारंभ हुआ। 2019 बैच के कुल 1978 प्रशिक्षुओं को उच्च कोटि का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया गया है। जिन्हें कुल 14 विषयों में भारतीय दण्ड विधान, दण्ड प्रक्रिया संहिता के अलावा विधि विज्ञान मैनेजमेंट, कम्प्यूटर की शिक्षा दी गई। वहीं जिसमें शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, शस्त्र प्रशिक्षण के अलावा फिल्ड कॉफ्ट तैराकी घुडसवारी एवं निशस्त्र लड़ाई जैसे विषयों का प्रशिक्षण शामिल हैं।
जबकि मैनेजमेंट क्लास, साउथ बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी गया द्वारा इन प्रशिक्षुओं को मानव व्यवहार एवं प्रबंधन पाठ्यक्रम विषय पर विशेष प्रशिक्षण के अलावे पाक्सो एक्ट जैसे अत्यंत संवेदनशील अधिनियम एवं इससे संबंधित कांडों के अनुसंधान तथा उसकी बारीकियों को समझने के लिए समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार तथा यूनिसेफ के कुशल प्रशिक्षकों से 02 सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण कराया गया। 300 प्रशिक्षुओं को एडवांस कंप्यूटर कोर्स कराते हुए साइबर अपराध के कांडों के अनुसंधान का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षुओं को 10 व 20 किमी के रूट का कराया गया मार्च
शारीरिक दक्षता पर बिहार पुलिस एकेडमी के उपनिदेशक सह प्राचार्य मो अब्दुल्लाह ने कहा कि इस बैच को एनएसजी, सीआरपीएफ व सीआईएसएफ के पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस उप महानिरीक्षक स्तर के पदाधिकारियों द्वारा सुरक्षा विषयों पर प्रशिक्षण के अलावे प्रशिक्षुओं को 10 किमी की दौड़ तथा 20 किमी के रूट का मार्च कराया गया।
प्रशिक्षुओं को डीजीपी ने किया सम्मानित
इस दौरान डीजीपी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रशिक्षु अवर निरीक्षकों को सम्मानित किया। जिसमें सुधीर कुमार को ओवरऑल चैंपियन घोषित करते हुए सीएम का पिस्टल, रायबहादुर सिंह को बतौर आउटडोर चैंपियन डीजीपी का तलवार, कुणाल श्रीवास्तव को बतौर इनडोर चैंपियन डीजीपी का बटन तथा कर्मवीर सिंह को बतौर बेस्ट परेड कमांडर के लिए ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस दौरान एकेडमी के पुलिस जवानों ने एक से बढ़कर एक शौर्य पराक्रम का प्रदर्शन किया। इस मौके पर ओटीए गया के जनरल मेजर श्री निवासन, कर्नल अरविंद वर्मा, आयुध निर्माणी नालन्दा के लेफ्टिनेंट कर्नल दिलिप शेखर, एडीजे वन अजीत सिंह, सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट के अलावे नालन्दा एसपी अशोक मिश्रा सहित कई अधिकारी मौजूद थे।