Nawada Rabindra Nath Bhaiya: भारत विकास परिषद , शाखा नवादा कऐ ओर से भारत को जानो प्रतियोगिता अशोका इन रिसॉर्ट के प्रांगण में सम्प्पन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर मनोज वर्णवाल एवं संचालन सचिव रामचन्द्र कुमार सोनी ने किया। प्रतियोगिता में जिला से 40 विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। सर्व प्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर एवं भारत माता, स्वामी विवेकानन्द जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने वंदेमातरम गीत गाकर, भारत माता की जयघोष से प्रतियोगिता आरम्भ किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट मुख्य अतिथि डॉ. रविन्द्र कुमार ( सरंक्षक मगध बिहार प्रांत), सुमन कुमार ( वित्त सचिव मगध बिहार प्रान्त ), अमृतेश प्रसाद ( क्षेत्रीय सचिव मगध बिहार प्रान्त ), मुन्ना प्रसाद ( अध्यक्ष मगध बिहार प्रान्त ) मौजूद रहे। सभी उपस्थित विद्यालयों का नामाकरण भारत के नदी के नाम पर किया गया था। हर विद्यालय के दो बच्चे कनीय वर्ग और हर विद्यालय के दो बच्चे वरीय वर्ग से प्रतियोगिता में शामिल किया गया। सभी से भारत से जुड़ा इतिहास, भूगोल, संस्कृति, धर्म और वर्तमान से प्रश्न पूछा गया। वरीय वर्ग और कनीय वर्ग में 5 राउंड कराया गया। जिसमें सफल विद्यालय एवं पीरतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
कनीय वर्ग का परिणाम:-
प्रथम – भारतीय आवासीय प्रतियोगिता विद्या मंदिर गोविंदपुर
छत्र – रजनीश कुमार, गुलशन कुमार
द्वितीय – जेपी शिशु ज्ञान भारती सेखोदेवरा कौआकोल
छात्र – मोनू कुमार, हिमांशु कुमार
वरीय वर्ग का परिणाम:-
प्रथम – दयाल पब्लिक स्कूल माधो बीघा
छात्र – सोनू कुमार, मो. मोवासिर अशरफ
द्वितीय – भारतीय आवासीय प्रतियोगिता विद्या मंदिर गोविंदपुर
सभी प्रतिभागी को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया और जो प्रतिभागी प्रथम और द्वितीय आएं उन्हें मेडल, प्रशस्ति पत्र के साथ शील्ड देकर समानित किया गया। सफल प्रतिभागी 27 नवंबर को मगध के गया में प्रांतीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। धन्यवाद ज्ञापन परिषद के सरंक्षक राजेन्द्र प्रसाद साहू ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक सुरेश कुमार साहू, मीडिया प्रभारी अरविन्द कुमार गुप्ता, सुनील कंधवे, संजय वर्णवाल, सत्येंद्र प्रसाद, केपी मगहिया, अनूप कुमार, डॉक्टर सुनील कुमार, मुकेश कुमार, पंकज झुनझुनवाला, राजेन्द्र प्रसाद, ओमप्रकाश कुमार, विपिन कुमार इत्यादि का सराहनीय योगदान रहा।