जीवन शैली में बदलाव और नशा के सेवन से बढ़ रहें हैं किडनी के मरीज-डॉक्टर राजेश

पटना

-बिहार में एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का जनक माना जाता है

पटना से शिवानंद गिरि
किडनी के बीमारी के रोगियों की संख्या बढ़ रहे हैं जिसका प्रमुख कारण हमारे बदली जीवन शैली और लोगों का आहार और व्यवहार है। भागदौड़ वाले इस जीवन में लोग तनाव से दूर रहने के लिए स्मोकिंग, शराब और तम्बाकू आदि का सेवन काफी करने लगे हैं लिहाजा कम उम्र में भी किडनी से संबंधित बीमारियों के शिकार होते हो रहें हैं।ये मानना है किडनी प्रत्यारोपण और एडवांस लाप्रोस्कोप सर्जरी के पटना के प्रसिद्ध डॉक्टर कुमार राजेश रंजन का।

डॉक्टर राजेश के अनुसार बार-बार पेशाब करना या पेशाब रुक जाना ,पेशाब में जलन ,सांस लेने में दिक्कत होना, खुजली पेट में लगातार दर्द आदि किडनी रोग के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं ।इस तरह की समस्या आने पर किसी यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना जरूरी होता है।

डॉक्टर राजेश आगे बताते हैं किडनी के इलाज के लिए दो तरीका है एक तो दवा से और दूसरा सर्जरी से और दोनों के डॉक्टर अलग-अलग होते हैं। किडनी स्टोन ,किडनी में कैंसर, पेशाब में रुकावट किडनी में सूजन या जनरल जन्मजात समस्याओं का इलाज सिर्फ सर्जरी से ही ठीक किया जा सकता है।

डॉक्टर राजेश बताते हैं कि यदि किसी को किडनी संबंधी बीमारी से बचना है तो वह शराब या तंबाकू का सेवन नहीं करें। बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें तो इससे काफी हद तक फायदा हो सकता है।

कौन हैं डॉक्टर राजेश
रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल के वरीय यूरोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर राजेश जिन्होंने मजिस्ट्रेट कॉलोनी में अपना एक सत्यदेव मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोली है, मूल रूप से औरंगाबाद के रहने वाले हैं उन्होंने एमबीबीएस के बाद बिहार में किडनी ट्रांसप्लांट और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की शुरवात की जिसके कारण इन्हें एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का जनक भी कहा जाता है।

विभिन्न संस्थानों से दर्जनों पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर राजेश के हाथ के इस हुनर और मरीजों से सद्व्यवहार के कारण काफी कम दिनों में उन्हें सफलता के साथ साथ लोकप्रियता मिलती गई जिसका नतीजा है कि उनके नए हॉस्पिटल में बड़े बड़े अस्पतालों से इलाजरत मरीज आकर इलाज कराते हैं।