पटना/नियाज़ आलम : सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास खाली कराने के मामले पर मुख्य न्यायाधीश एपी शाही की खंडपीठ ने फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास की सुविधा खत्म कर दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले से कई पूर्व मुख्यमंत्री प्रभावित होंगे। इनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, डॉ. जगन्नाथ मिश्रा, जीतन राम मांझी आदि शामिल।
बंगला खाली कराने के कोर्ट के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बेहद सधा हुआ बयान दिया है। मांझी ने सीधे तौर पर कहा है कि हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है तो वह उसका सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि वह दूसरों का तो नहीं कह सकते लेकिन खुद इस मामले में अब आगे कहीं भी याचिका दायर नहीं करेंगे।
बंगला खाली करवाया जाएगा तो वह बिना कुछ कहे बंगला खाली कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में वह एक विधायक भी हैं. लिहाजा सरकार उन्हें रहने के लिए कहीं ना कहीं जगह तो देगी ही। वह बंगला खाली कर उसी आवास में शिफ्ट हो जाएंगे।
इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उसे और कोई काम नहीं है इसलिए बंगला आवंटन और उसे खाली करवाने में लगी है, यह खेदजनक बात है।