Sandeep Singh : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार 26 अक्टूबर को बिहार के विधायकों को उनके नये आवास की चाबी सौंपी। सबसे पहली चाबी उन्होंने खगड़िया जिले के अलौली विधानसभा (सुरक्षित) से राजद विधायक रामवृक्ष सदा के हाथों में सौंपी। चाबी पाने के बाद रामवृक्ष सदा भावुक हो गए। उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। वे रोने लगे। उन्होंने रोते हुए बताया कि गरीब के लिए दिवाली कब होती है? रामवृक्ष सदा ने कहा कि सपने में भी ऐसा घर नहीं देखा था।
विधायक आवास की चाबी पाकर रामवृक्ष सदा के चेहरे की चमक बढ़ गई। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए पत्रकारों से भावुक होकर बातचीत की। आंखों में आंसू लिए सदा ने कहा कि पूरे बिहार में सबसे गरीब विधायक हम हैं। हमलोग सपना में भी नहीं सोचे थे कि एतना बड़का घर में हमलोग रहेंगे। हम मुसहर जाति से आते हैं। सबसे पहले चाबी देने के लिए मुख्यमंत्री जी और तमाम लोगों का आभार प्रकट करते हैं। रामवृक्ष सदा ने भरे हुए गले से कहा कि हमलोगों के परेशानी का बात तो अलग चीज है। आवास मिलने से हमें सुविधा हो गई। हमारे इलाके से आने वाले लोग कहते थे कि हमको रहने का जगह दीजिए।
सदा से जब पूछा गया कि आज वे इतना भावुक क्यों हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि भावुक इसलिए हो रहे हैं कि आपने देखा होगा पूरे बिहार में सबसे ज्यादा गरीब विधायक हम हैं। जिस दिन गरीबों को कुछ मिलता है। उसी दिन दिवाली होती है। आज मुख्यमंत्री ने हमको चाबी दिया। हम सपना में ऐसा नहीं देखे थे, इसलिए हम भावुक हो रहे हैं। रामवृक्ष सदा ने इस दौरान ये भी कहा कि हमलोग जनता की सेवा की राजनीति करते हैं। तीस साल संघर्ष करने के बाद यहां पर पहुंचे हैं। मुसहर जाति से आते हैं। लालू प्रसाद यादव जी ने हमको नेता बनाया। तेजस्वी बाबू ने नेता बनाया आज उसका फल है । अलौली के जनता मालिक को प्रणाम करते हैं।
विधायक की कुल संपत्ति
कहते हैं कि वर्तमान में राजनीति की परिभाषा सत्ता के लिए सिद्धांत के साथ समझौता हो गई है! सियासत में रसूख और संपत्ति का होना अनिवार्य है। ऐसे में एक विधायक का ये कहना कि वो बिहार के सबसे गरीब विधायक हैं। लोगों का ध्यान महज उस विधायक की ओर चला जाता है। हालांकि, अब सवाल ये है कि क्या सच में रामवृक्ष सदा बिहार के सबसे गरीब विधायक हैं। बताते चलें कि 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान रामवृक्ष सदा की ओर से चुनाव आयोग को दिये गए हलफनामें को देखा। चुनाव आयोग को दिये गए हलफनामें और एडीआर की ओर से जारी आंकड़े में सच में रामवृक्ष सदा की संपत्ति कम है।
चुनाव आयोग को दिये गए हलफनामें में रामवृक्ष सदा ने बताया है कि वे एक समाजसेवी हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता महज 10वीं पास है। उनकी उम्र 45 साल है। उन्होंने हलफनामे में अपनी कुल घोषित 72000 रुपये बताई है। जिसमें 32000 रुपये चल संपत्ति और 40000 रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। उन्होंने हलफनामे में अपनी कुल घोषित आय शून्य बताया है। जिसमें उनकी व्यक्तिगत आय भी शून्य है। उनके ऊपर देनदारी भी शून्य है। किसी प्रकार का कोई कर्ज नहीं है। उन्होंने अपने हलफनामे में खुद के ऊपर कुल पांच आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। रामवृक्ष सदा के आवास की चाबी मिलने के बाद भावुक होने की कहानी उनके हलफनामे से पता चलती है। सियासी जानकार कहते हैं कि वर्तमान में रसूखदार हो चुकी राजनीति में संपत्ति के मामले में इस तरह के संत विधायक बहुत कम हैं