PATNA : महिला आरक्षण विधेयक पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पूर्व सांसद गीता मुखर्जी की जन्मशताब्दी पर 10 को सेमिनार!

पटना

STATE DESK : महिला आरक्षण विधेयक को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सीपीआइ की पूर्व सांसद गीता मुखर्जी का यह जन्मशताब्दी वर्ष है! वह चार बार पश्चिम बंगाल की पंस्कुरा पूर्वी सीट से विधायक और सात बार सांसद रहीं। उनके संघर्ष और विरासत को याद करने के लिए बिहार महिला समाज ‘महिलाओं की सशक्त आवाज गीता मुखर्जी’ विषय पर 10 जनवरी को गांधी संग्रहालय,पटना में एक सेमिनार का आयोजन कर रहा है।

सेमिनार को श्यामा श्री दास ( उपाध्यक्ष, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन) सुशीला सहाय (अध्यक्ष, बिहार महिला समाज) और प्रो. चंदना झा (वरिष्ठ इतिहासकार) संबोधित करेंगी। आठ जनवरी 1924 को कोलकाता के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी गीता मुखर्जी 1965 से नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमन की कार्यकारी परिषद की सदस्य और फेडरेशन की उपाध्यक्ष रहीं। वह महिला आरक्षण के अलावा बीड़ी मजदूर, दहेज प्रथा, पीएनडीटी एक्ट को लेकर सक्रिय रहीं।

12 सितंबर 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को संसद पटल पर रखा था। लेकिन जब वो इसे पारित करवा पाने में असफल रहे तो विधेयक को एक संयुक्त समिति को सौंप दिया गया जिसकी अध्यक्ष गीता मुखर्जी थीं। इस समिति की रिपोर्ट भी 9 दिसंबर 1996 को तैयार हो गई। लेकिन बदकिस्मती से 26 साल बाद भी महिला आरक्षण विधेयक लटका हुआ है।