पूर्णिया: डॉक्टर्स जान बचाते है, मारते नहीं…जिले के तकरीबन 600 डॉक्टरों की हड़ताल से चरमरायी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था…लोगों ने कहा.. डॉक्टरों को अपनी कसम नहीं भूलनी चाहिये

पूर्णियाँ

पूर्णिया (राजेश कुमार झा) : जिले के तकरीबन 600 डॉक्टरों की हड़ताल से जिले की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था ही चरमरा गई है. एक तरफ डॉक्टर्स है जो अपने ऊपर हुए हमले को लेकर जिला प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगा रहे है तो दूसरी तरफ आये दिन लाइन बाजार में मरीजों के साथ हो रहे अत्याचार एवं व्यवहार से मरीज के परिजनों ने भी जिला प्रशासन से न्याय की उम्मीद के साथ डॉक्टर राजेश कुमार सहित सबों की गिरफ्तारी पर अड़े हुए है.

बताते चलें कि पिछले दिनों डॉक्टर राजेश पासवान की क्लिनिक में दिन के 11 बजे एक महिला मरीज की डिलीवरी होती है.लेकिन शाम के 7 बजे उस महिला मरीज की मौत हो जाती है.मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्लिनिक ने तोड़फोड़ कर डॉक्टर को बंधक बनाकर मारपीट भी की.

जिससे डॉक्टर राजेश कुमार को गम्भीर चोटें आई.जिसे डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिये पटना रेफर कर दिया.इसके बाद जिले सभी डॉक्टर एसोशिएशन ने एक साथ हड़ताल कर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को हिला कर रख दिया. बिफोरप्रिन्ट डिजिटल ने इस घटना को लेकर कई डॉक्टरों एवं आमजनों से बातचीत की.डॉक्टरों का कहना हुआ कि डॉक्टर जान बचाता है,मारता नहीं है.

जब तक जिला प्रशासन हमलोगों की पूरी तरह सुरक्षा व्यवस्था की बात नहीं करता,तब तक स्तिथि तकरीबन इसी तरह ही रहेगी.इमरजेंसी सेवा में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होगी.दूसरी तरफ आमजनों ने कहा की आजकल डॉक्टर्स अपनी कसम को भूल गए है.वो लोग पूर्णिया में इतना रुपया कमा लिए की दो-चार-छः महीना भी हड़ताल पर चले जाएं तो भी इनकी सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है.लोगों ने कहा की गलती किन्हीं से भी हो सकती है,चाहे वो डॉक्टर हो या आम इंसान.

जिला प्रशासन इसकी जांच करे और जो भी दोषी हो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले.आज डॉक्टरों के ही परिवार में कोई बीमार हो जाय या उन्हें किसी भी तरह की कोई इमरजेंसी की जरूरत पड़े तो क्या वो अपना या अपने परिवार का इलाज नहीं करेंगे.दूसरी तरफ मरीज के परिजनों ने भी डॉक्टर एवं उसके स्टाफ पर मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है.अंत मे डॉक्टरों को ये जरूर सोचना चाहिए कि वो भी समाज के ही अंग है.अगर उनके हड़ताल से किसी भी मरीज की मौत होती है तो इनका कहीं न कहीं दोष इनको भी लग सकता है.