पूर्णिया : पूर्णिया यूनिवर्सिटी की स्थापना दिवस पर पहुंचे महामहिम..सीनेट की बैठक में बोले महामहिम राज्यपाल…34 सालों बाद देश में बनी नई शिक्षा नीति से शिक्षा जगत में बड़ी क्रांति हो रही है…पढ़ें पूरी खबर

पूर्णियाँ

पूर्णिया:-18 मार्च(राजेश कुमार झा)अपने दो दिवसीय कार्यक्रम में पूर्णिया पहुंचे बिहार के महामहिम राज्यपाल का पूर्णिया में जोरदार स्वागत हुआ. महामहिम ने अपने दो दिवसीय कार्यक्रम में पूर्णिया पहुंचने के बाद माता पूरण देवी के मंदिर में मत्था टेका और आशीर्वाद लिये. इसके बाद पूर्णिया में ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों से भी मुलाकात कर उन्हें और आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित किये.तत्पश्चात पूर्णिया यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस पर सीनेट की बैठक को भी सम्बोधित किये.

महामहिम राज्यपाल एवं कुलपति डॉ0 आर0 एन0 यादव ने दीप प्रज्वलित कर बैठक की शुरुआत की.बैठक की शुरुआत राष्टगान से हुआ.कुलपति डॉ0 आर0 एन0 यादव ने 752 करोड़ का बजट पेश करते हुए सीनेट के सभी सदस्यों का स्वागत किया.तत्पश्चात महामहिम ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी सदस्यों को सम्बोधित करते हुए बोले कि हम केवल बजट पारित करने या भोजन करने नहीं आते है.शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिये सीनेट की बैठक बहुत जरूरी है.18 मार्च 2018 को हुई स्थापना.5 सालों के बाद क्या किया है.

इसका अवलोकन होना ही चाहिये.मुझे आपके साथ मिलकर ही कुछ करना है.पिछले एक महीने में 400 लोग मुझसे आकर मिले है.शिक्षा व्यवस्था अच्छी है या बुरी है इसके लिये मैं जिम्मेदार हूँ.मुझे जो आज करना है,हमारे पूर्वजों ने हम सबों से उम्मीद कर रखी है.बच्चों के साथ चर्चा करने से उनके अंदर के विचार समझ मे आते है.इसलिये बच्चों से जरूर बातें करें.बच्चों को किताबें दें और उन्हें कहें कि किताबें पढ़कर मुझे चिट्ठी जरूर लिखें.9935078370

34 वर्षों के बाद एक अच्छी राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है.इसको अपनाकर हम बहुत आगे जा सकते है.ताकि आने वाली पीढ़ी को एक सकारात्मक जबाब मिल सके.उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहे कि इसे गम्भीरता से अपना कर आगे बढ़ने की जरूरत है.उन्होंने विश्वविद्यालय पर शोध के विषय मे जानकारी देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में शोध एवं अध्यन पीठ का होना निहायत जरूरी है.इसके बिना विश्वविद्यालय महज एक महाविद्यालय बनकर रह जाता है.उन्होंने छात्रों को पुस्तक पढ़ने की आदत पर भी बल दिया.इस दिशा में हम सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत है.