शहर में नाले के ऊपर घर बनाने वाले भी हवाईजहाज में उड़ना चाहते है, चाहे थोड़ी सी बरसात में शहर डूब ही क्यों न जाय
नाले के जीर्णोद्धार से 60 प्रतिशत वाटर लॉगिंग की समस्या हल हो सकती है, नगर निगम ने 500 लोगों को भेजा नोटिस
Rajesh Kumar Jha: शहर डूब जाय तो डूब जाय, लेकिन एयरपोर्ट जरूर बनना चाहिये.बेशक एयरपोर्ट बनने से विकास के कई मार्ग खुलेंगे. सीमांचल में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.लेकिन ऐसे विकास से क्या फायदा, जब थोड़ी सी बारिश में ही घर से निकलना ही मुहाल हो जाता है. आज पूरे शहर में जितने भी नाले है सब के सब अतिक्रमित हो चुके है. जहाँ लोगों ने बड़ी-बड़ी बिल्डिंग एवं आलीशान घर बनाकर रह रहे है और पूर्णिया में एयरपोर्ट बनने की मांग कर रहे है.
लेकिन उनको ये नहीं पता कि जिस नाले को अतिक्रमित कर घर बनाये है. उसी की वजह से पूरे शहर में थोड़ी सी बरसात में वाटर लॉगिंग की भयंकर समस्या उत्पन्न हो जाती है. आज अगर शहर के सभी नालों का जीर्णोद्धार हो जाय तो 60 प्रतिशत वाटर लॉगिंग की समस्या दूर हो सकती है. बताते चलें कि पूरे शहर में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 42 नाले है.
जिन पर लोगों ने अतिक्रमित कर घर बना लिए है.नगर निगम ने ऐसे 500 लोगों को चिन्हित कर नोटिस भेजे है.दूसरी तरफ हम विकास की बातें करते है.लेकिन बरसात में शहर की नारकीय स्तिथि से लोगों को जो नुकसान झेलना पड़ता है,इसका जिम्मेदार भी हमलोग ही है.काश आज नाले के जीर्णोद्धार के लिये भी लोग जागरूक होते तो विकास की एक नई इबारत लिखी जाती.