मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में सहरसा जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

सहरसा

DESK : मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में सहरसा जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रेक्षागृह सहरसा में आयोजित संवाद कार्यक्रम में 540 जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने – अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती मंजू देवी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने से पहले हमारी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी । समूह से कर्ज लेकर एक गाय खरीदी और दूध बेचने का काम शुरू किया। पैसे की बचत करके पति के लिए एक साइकिल खरीदी। धीरे-धीरे गाय की संख्या बढ़कर सात हो गई। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट करती हूं और यह आग्रह करती हूं कि मेरे पति बाहर जाकर नौकरी करते हैं उनके लिए यहीं पर रोजगार के अवसर उपलब्ध करा दें, बहुत मेहरबानी होगी।

जीविका दीदी श्रीमती संजू देवी ने बताया कि मेरे पति ताड़ी बेचने का काम करते थे। शराबबंदी के बाद जब रोक लगी तो परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। उसी समय मुझे स्वयं सहायता समूह के बारे में जानकारी हुई और मैं समूह से जुड़कर आर्थिक मदद ली और एक दुकान खोली। पैसे की बचत करके बकरी पालन, गाय पालन और कबूतर पालन भी करने लगी जिससे अच्छी आमदनी भी होने लगी। मेरी पांच लड़की है और एक लड़का है, सभी ठीक ढंग से पढ़ाई कर रहे हैं, साइकिल योजना और पोशाक योजना, प्रोत्साहन राशि आदि का लाभ उन्हें मिला है। समूह से जुड़ने के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ भी मेरे परिवार को मिला है। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को शराब एवं ताड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए धन्यवाद देती हूं। जीविका ने मेरे जीवन में खुशियों का फूल खिला दिया है। मेरा परिवार काफी खुशहाल है। जीविका दीदी श्रीमती मिलन कुमारी ने बताया कि जीविका योजना की ही देन है कि आज मैं मुख्यमंत्री जी के सामने उपस्थित हूं। आप महात्मा गांधी के सपनों को साकार करते हुए हर घर पेयजल, भोजन, वस्त्र और लोगों को आवास की सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रहे हैं। आज गांव के लोग भी स्वच्छता के साथ रहते हैं। शराबबंदी से पहले लुंगी फटा रहने के बाद भी लोग शराब खरीदकर पीते थे। बच्चों को भरपेट भोजन नसीब नहीं था। शराबबंदी और जीविका योजना से गरीब-गुरबा परिवार में खुशहाली लौटी है। महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ा है। हम जीविका दीदियों को जीने की राह मिली है। आपसे आग्रह है कि शराबबंदी चालू रखिए। शराब की दुकानें पुनः न खुलें

बालिकाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रही जीविका दीदी श्रीमती जेहरा खातून ने बताया कि वर्ष 2012 में वह जीविका समूह से जुड़ने के बाद बैंक में बचत खाता खुलवाया।
पहले मजदूरी का काम करते थे। स्वयं सहायता समूह से कर्ज लेकर पति के लिए एक ठेला खरीदी, इसपर वे फल बेचने लगे, इससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आई। बच्चे पढ़ने लगे। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिला। जीविका योजना चलाने के लिए मैं मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट करती हूं। आपने हमें जीना और चलना सिखाया। आपके आशीर्वाद से अब हम दौड़ने के लिए तैयार हैं। स्वास्थ्य पोषण के प्रति लोगों को जागरूक कर रही जीविका दीदी श्रीमती अमिता सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने 25 हजार रुपये का कर्ज लिया और दुकान खोली। दुकान से मुनाफा मिलने लगा। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई। वर्ष 2020 में मुझे स्वास्थ्य पोषण के क्षेत्र में काम करने का मौका मिला और मानदेय मिला जिससे मैं सिलाई मशीन खरीदकर कपड़े सिलने का काम भी करने लगी। गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के खान-पान एवं स्वास्थ्य संबंधी परामर्श घर-घर जाकर देती हूं। शराब से होनेवाले नुकसान के प्रति लोगों को आगाह करती हूं। मेरी पहल पर कई जीविका दीदियों ने पोषण बगीचा लगाया है जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। ग्रामीण इलाकों में आपने काफी जन सुविधाएं दी हैं, मैं इसके लिए आपका धन्यवाद करती हूं।

जीविका दीदी श्रीमती अमृता देवी ने बताया कि मैं शिक्षित होने के बावजूद भी बेरोजगार थी। अगस्त 2017 में जब मुझे जानकारी हुई तो मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर कर्ज लिया और गाय खरीदकर दूध बेचने का काम शुरू की। इससे घर का खर्च चलता था । वर्ष 2019 में मैं कौशिकी दुग्ध उत्पादक कंपनी से जुड़ी जिसमें पशुओं का चारा, पशु गर्भाधान, पशु चिकित्सा एवं दूध संग्रहण की सुविधा उपलब्ध थी। मैंने जीविका दीदियों को भी कंपनी से जुड़ने की सलाह दी। अब 40 हजार जीविका दीदियां जुड़ गई हैं। प्रतिदिन 70 से 80 हजार लीटर दूध का संग्रहण होता है। हमलोग विभिन्न तरह के उत्पाद दूध से बनाकर उसकी पैकेजिंग कर बाजार में आपूर्ति करते हैं। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करती हूं।संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। आज यहां 6 जीविका दीदियों ने अपना अनुभव साझा किया है। मुझे आपलोगों की बात सुनकर बहुत खुशी हुई। इसके लिये मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 24 नवंबर 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण ‘जीविका’ किया तब से आप सभी जीविका दीदियों कहलाने लगीं।

उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा और काफी तारीफ की और पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका’ किया यानी बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। इसका नामकरण वर्तमान केंद्र सरकार के द्वारा नहीं किया गया है बल्कि यह वर्ष 2008-09 की बात है। यह हमलोगों के द्वारा किया गया काम है। भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि यही असली जीविका है जिसके बाद ही आजीविका बना है। इसे भूलियेगा मत। आपकी संख्या बहुत बढ़ी है, यह देखकर मुझे खुशी होती है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे अन्य कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब काफी अच्छे ढंग से आगे बढ़कर अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार का हित तो हो ही रहा है। साथ ही पूरा समाज आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में हमेशा काम करते रहे हैं। पुरुष और महिला मिलकर जब काम करेंगे तो समाज का और अधिक विकास होगा। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिये काफी काम किया है। हमलोगों में सभी अस्पतालों में दीदी की रसोई का काम शुरू कराया है ताकि आपकी आमदनी और अधिक बढ़ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान लिए काफी काम किया है। बिहार में सबसे पहले वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई। वर्ष 1993-94 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा की एक संयुक्त कमिटी बनी थी, उस समय हम सांसद थे और इस कमिटी के सदस्य भी थे। केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया। हमें जब मौका मिला तो हमने महिलाओं और पुरुषों को बराबर का अधिकार दिया। अब तक पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय के चार चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब काफी संख्या में साधारण परिवारों की महिलायें चुनाव जीतकर आ रही हैं। पहले सिर्फ अमीर परिवारों की गिनी-चुनी महिलायें ही चुनाव लड़ती थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। हमलोगों ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। जब हम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते थे उस समय हमारे कॉलेज में एक भी लड़की नहीं पढ़ती थी। हमलोगों ने इंजीनियरिंग और मेडिकल के नामांकन में महिलाओं के लिये एक तिहाई सीट आरक्षित किया अब काफी संख्या में छात्रायें मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नहीं पाती थी। हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना शुरू की। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने लगी। बिहार में लड़कियों के लिए लागू की गई साइकिल योजना को विदेशों से आकर लोगों ने देखा और काफी तारीफ की। साइकिल योजना का लाभ लड़कों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार 10 लाख लोगों को नौकरी देने एवं 10 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम तेजी से कर रही है। अब तक 48 हजार लोगों को नौकरी दे दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। इसके लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने समर्थन दिया। शराबबंदी के बाद गरीब-गुरबा परिवारों की आर्थिक स्थिति में बेहतरी आई है। आप सभी चिंता मत करिए हमलोग शराबबंदी कभी खत्म नहीं होने देंगे। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें। समाज में 10 प्रतिशत लोग गड़बड़ करनेवाले होते हैं जिन्हें समझाएं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षक ठीक ढंग से पढ़ाते हैं या नहीं, इसे देखना आप सभी जीविका दीदियों की जिम्मेवारी है। अगर शिक्षक उपस्थित नहीं रहते हैं तो उन्हें समझाएं और नहीं मानते हैं तो इसकी सूचना जिलाधिकारी को दें। वैसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। इसके लिये कानून भी बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के सेवन से होनेवाले नुकसान के संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और इसे घर-घर पहुंचाया गया है। आप सभी खुद भी पढ़ें और दूसरे लोगों को भी पढ़ायें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होनेवाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है।

शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। बापू ने देश को आजाद कराया और उनकी हत्या तक कर दी गई जो सबके हित में काम किया करते थे। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं। हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जीविका समूह में सभी जाति, सभी धर्म के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आगे बढ़ रहे हैं। समाज में किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। कुछ लोग झगड़ा लगाने का काम करते हैं। अभी गड़बड़ करने की कोशिश हो रही है। ऐसे लोगों से सचेत रहने की जरूरत है। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज परिवार और देश आगे बढ़ेगा। शराबबंदी के प्रति लोगों को निरंतर प्रेरित करें। अपने कामों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाते रहें। हम चाहते हैं कि आपकी तरक्की हो, आमदनी बढ़े, जीविका दीदियों की संख्या बढ़े। पहले क्या हाल था, शाम होते ही लोग अपने घरों से निकलने में डरते थे, दुकानें नहीं चलती थीं। हमारी यात्रा का यही मकसद है आप सभी का काम और अधिक बढ़े, आपकी आमदनी बढ़े इसके लिए हम काम करते रहेंगे

मुख्यमंत्री ने 22 सदर अस्पताल एवं चार मेडिकल कॉलेजों में जीविका स्वास्थ्य सहायता केंद्र संचालित करने हेतु उसकी चाबी जीविका दीदियों को प्रदान की। जीविका संपोषित स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से 201 करोड़ 18 लाख रुपये का सांकेतिक चेक मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को प्रदान किया। जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत 22 नव सृजित तालाबों को हस्तांतरित करने हेतु मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया। संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। संवाद कार्यक्रम में शामिल होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री ने प्रेक्षागृह, सहरसा में कृषि एवं जीविका द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कौशिकी महिला मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा उत्पादित दही एवं घी को लॉन्च किया। संवाद कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, मंत्री ऊर्जा सह योजना एवं विकास श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, शिक्षा मंत्री श्री चंद्र शेखर, पंचायती राज मंत्री सह सहरसा जिले के प्रभारी मंत्री श्री मुरारी प्रसाद गौतम, विधायक श्री यूसुफ सलाहउद्दीन, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री आर० एस० भट्ठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मिशन निदेशक जल – जीवन – हरियाली श्री राहुल कुमार, आयुक्त कोशी प्रमंडल श्री मनोज कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक कोशी प्रक्षेत्र श्री शिवदीप लांडे, जिलाधिकारी सहरसा श्री आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक सहरसा श्रीमती लिपि सिंह सहित जीविका दीदियां भी उपस्थित थीं।