अब कालाजार के मरीजों को सदर अस्पताल में मिलेगी बेहतर सुविधा, बिहार का पहला “सेंटर ऑफ एक्सिलेंस” का हुआ शुभारंभ

छपरा न्यूज़

•डीएनडीआई संस्था के सहयोग से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस लैब की हुई स्थापना
•कालाजार के मरीजों के लिए इमरजेंसी वार्ड से लेकर महिला वार्ड एवं बच्चा वार्ड बनाया गया

Chhapra: सारण जिले को कालाजार मुक्त घोषित किया जा चुका है। लेकिन कालाजार उन्मूलन के स्थिति को बनाये रखने के लिए प्रयास जारी है। इसी कड़ी में छपरा सदर अस्पताल में बिहार का पहला सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना की गयी है। जिसका विधिवत शुभारंभ किया गया है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बिनय कुमार शर्मा ने लैब का उद्घाटन किया। इस लैब की स्थापना डीएनडीआई संस्था के सहयोग से किया गया है। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस न केवल कालाजार के लिए अच्छा होगा, बल्कि अस्पताल में इस परियोजना के तहत लैब अपग्रेडेशन से अन्य मरीजों और डॉक्टरों को भी मदद मिलेगी। डीएनडीआई जिला अस्पताल, सारण में सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करके राज्य में कालाजार उन्मूलन के कारण का समर्थन कर रहा है। पहले कालाजार के मरीजों को विशेष उपचार के लिए आरआरआई या पटना जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा सारण में ही उपलब्ध हो गया। छपरा सदर अस्पताल में बिहार के पहले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कालाजार सेंटर का उद्घाटन किया गया है।

जहां कालाजार के मरीजों के लिए इमरजेंसी वार्ड से लेकर महिला वार्ड एवं बच्चा वार्ड भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि वैसे तो सारण में कालाजार के मरीजों की संख्या बहुत ही कम है. लेकिन कलाकार के उन्मूलन को लेकर छपरा सदर अस्पताल में डीएनडीआई के सहयोग से विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, जहां कालाजार का पूर्ण उपचार एवं अत्याधुनिक मशीनों से जांच उपलब्ध है। इस मौके पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर चंदेश्वर प्रसाद सिंह, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डब्ल्यूएचओ के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय, डीपीएम अरविंद कुमार, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, सहित सदर अस्पताल के अनेक चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी एवं डीएनडीआई रिजनल कॉम्यूनिकेशन मैनेजर मनीषा शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

अत्याधुनिक मशीनों से जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि यह पूरे बिहार का पहला सेंटर है, जहां कालाजार के सभी वेरिएंट की अत्याधुनिक मशीनों से जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। वही डीएनडीआई के डॉ गौरव मित्रा ने बताया कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस के लिए उनकी टीम के द्वारा सदर अस्पताल के चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ को भी विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। जिससे कि कालाजार का पूर्ण रूप से उन्मूलन किया जा सके।

अब आरएमआरआई रेफर करने की आवश्यकता नहीं:
विश्व स्वास्थ्य संगठन एनटीडी के राज्य समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डीएनडीआई के दिमाग की उपज है। यह वीएल, पीकेडीएल और एचआईवी वीएल के लिए दूर-दराज के उन रोगियों के उपचार की पूर्ति करेगा, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है और जिन्हें पटना में आरएमआरआई रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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