सेंट्रल डेस्क/ बीपी टीम : ओमिक्रोन के नए सब-वैरिएंट एक्सई का मुंबई में पहला मामला सामने आने के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर एक बार फिर कई सवाल उठने लगे हैं। वहीँ कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका भी जताई जा रही है। इसी बीच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर व महामारीविद डा. संजय राय और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इंडिया (पीएचएफआइ) के अध्यक्ष डा. के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि ओमिक्रोन के इस नए सब-वैरिएंट से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। वहीं दिल्ली सहित देश की ज्यादातर आबादी में कोरोना से बचाव के लिए प्रतिरोधकता उत्पन्न हो चुकी है।जिसमे गंभीर बीमारी की लहर नहीं आएगी।
वहीं भारत के शीर्ष वायरोलाजिस्टों में से एक गगनदीप कांग ने कहा कि हम अब तक कोरोना के एक्सई वैरिएंट के बारे में जो जानते हैं, उससे ऐसा नहीं लगता कि यह चिंता का कोई कारण है। वहीं, डा. संजय राय ने कहा कि एक्सई सब-वैरिएंट कोरोना का पहला या अंतिम स्वरूप नहीं है। वहीं आगे भी इस तरह के वैरिएंट आते रहेंगे। इसकी निगरानी होती रहनी चाहिए, लेकिन अब डरने की जरूरत नहीं है। ज्यादातर लोगों को पहले ही प्राकृतिक संक्रमण हो चुका है। प्राकृतिक संक्रमण बचाव में सबसे अधिक कारगर है।
ओमिक्रोन के संक्रमण के दौरान भी बहुत लोग संक्रमित हुए, लेकिन ज्यादातर लोगों में खांसी, जुकाम, सिर दर्द, थकान, हल्का बुखार, गले में खराश जैसे मामूली लक्षण देखे गए थे। ऐसा हो सकता है कि नए सब-वैरिएंट से संक्रमण थोड़ा बढ़ जाए, लेकिन तीसरी लहर और ओमिक्रोन के पुराने वैरिएंट की तरह बीमारी हल्की ही होगी। ज्यादातर लोगों में बीमारी के खास लक्षण भी नहीं होंगे। इसलिए जांच नहीं कराने पर ज्यादातर लोगों को बीमारी का पता भी नहीं चलेगा। वायरस खतरनाक तभी होगा जब उसका स्वरूप पूरी तरह बदल जाए।
डा. के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि ब्रिटेन से आ रही जानकारी के अनुसार एक्सई वैरिएंट ओमिक्रोन के बीए-2 वैरिएंट से 10 से 15 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है। इस वजह से इसका संक्रमण तेजी से फैलता है, लेकिन बीमारी की तीव्रता में कोई फर्क नहीं है, इसलिए घबराने वाली बात नहीं है। यह सब-वैरिएंट ओमिक्रोन के बीए-1 व बीए-2 वैरिएंट के मिलाप से बना है। अभी यह कहना मुश्किल है कि चौथी लहर आएगी या नहीं, लेकिन गंभीर बीमारी की महामारी नहीं आएगी। भीड़ में जाने पर मास्क का इस्तेमाल करें। डाक्टर कहते हैं कि ब्रिटेन में एक्सई वैरिएंट का संक्रमण होने पर थकान, चक्कर आना, गले में खराश, बुखार, हृदय गति बढ़ना, स्वाद और गंध महसूस नहीं होने जैसे लक्षण बताए गए हैं।