Independence Day : सेना, नौसेना, वायुसेना और स्पेस सेक्टर में दिख रहा महिलाओं का दम-खम- पीएम मोदी

दिल्ली

डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया है. वह लगातार 11वीं बार देश को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश के लिए बलिदान देने वाले अनगिनत ‘आजादी के दीवाने’ को श्रद्धांजलि देने का दिन है. यह देश उनका ऋणी है.पीएम मोदी ने कहा कि देश के 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़ कर फेंक दिया था. हमारे पूर्वजों का खून हमारे शरीर में है. आज हम 140 करोड़ नागरिक हैं. अगर हम संकल्प लेकर चलते हैं तो हम हर चुनौती को पार करते हुए विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर 40 करोड़ लोग आजादी के सपने को पूरा कर सकते है तो 140 करोड़ के देश के मेरे नागरिक,

मेरे परिवारजन अगर एक साथ चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों न हो, हम समृद्ध भारत बना सकते है. 2047 का विकसित भारत बना सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों हम जरा आजादी के पहले के उन दिनों को याद करें. सैकड़ो साल की गुलामी. हर कालखंड संघर्ष का रहा है. महिला हो, युवा हो, आदिवासी हो, वे सब गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे. 1857 का स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व ही हमारे कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती रही थी. आजादी की जंग इतनी लंबी थी.

अपरंपार यातनाएं, जुल्मी शासन सामान्य मानवी का विश्वास तोड़ने की तरकीबें, फिर भी उस समय की संख्या के करीब 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, वो सामर्थ्य दिखाया. एक संकल्प लेकर चलते रहे, एक सपना लेकर चलते रहे. जूझते रहे. एक ही सपना था वंदे मातरम, एक ही सपना था देश की आजादी का.

उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम उन्हीं के वंशज हैं. 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था. अगर हमारे पूर्वज जिनका खून हमारी रगों में है, आज हम 140 करोड़ हैं. अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी लेकर के रह सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे नागरिक, मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित कर चल सकते हैं, कदम से कदम मिलाकर, कंधे से कंधा मिलाकर, तो चुनौतियां कितना ही क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हम स्मृद्धि पा सकते हैं. हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं. उन्होंने अंत मे स्पेस सेक्टर से लेकर महिलाओं की भागीदारी तक के मुद्दों का जिक्र किया. उन्होंने देश से विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाने की भी बात की.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हर काम को चुनाव से रंग दिया गया है. सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं. एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयारी है. देश को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा. मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है. इससे हमें देश को मुक्ति दिलानी है. हमारा एक मिशन ये भी है कि एक लाख ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनके परिवार में किसी का भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं हो. इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति मिलेगी. इससे नयी सोच सामने आएगी. वे किसी भी दल में जा सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है.

इस बात में सच्चाई भी है. ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. संविधान के 75 वर्ष जब मनाए जाएंगे तो संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है. मैं चाहता हूं कि हर वर्ग इस पर चर्चा करे. धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है. अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो. कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा. तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हुई हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना आम बात है. मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे. देशवासी चाहते हैं कि वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो. भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख-शांति के मार्ग पर चलें. शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है. आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमारे शुभचिंतन ही रहेगा, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि देशवासी भ्रष्टाचार की दीमक से परेशान रहे हैं. हर स्तर के भ्रष्टाचार ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है. हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ा है. मैं जानता हूं कि इसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ती है. मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जाता है, लेकिन राष्ट्र से बड़ी मेरी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है. देश के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो सकता है. इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी. भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई शुरू होगी. मैं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भय का माहौल पैदा करना चाहता हूं.

उन्होंने कहा कि हमारे देश में कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं, जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं. खुलेआम इसका जय जयकार कर रहे हैं. ये समाज के लिए चुनौती बन गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ऐसे भी होते हैं जो प्रगति नहीं देख सकते हैं. वे भारत का भला नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि जब तक उनका भला ना हो, तब तक वे किसी का भला नहीं सोचते हैं. ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोगों से जनता को बचना होगा. वे निराशा की गर्त में डूबे लोग हैं. ऐसे लोगों से देश को सावधान रहना होगा.

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, वैसे-वैसे हमारी चुनौतियां बढ़ने वाली हैं. बाहर की चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं. मगर मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता है. हमने कभी दुनिया को युद्ध में नहीं झोंका. हम बुद्ध के देश हैं, युद्ध के नहीं. मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि वे भारत के आगे बढ़ने से चिंतित नहीं हो. चुनौतियां कितनी ही क्यों ना हो. चुनौती को चुनौती देना भारत की फितरत में है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां पर वो नौजवान बैठे हैं, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का परचम लहराया है. मैं देश के एथलीटों को भारत की तरफ से बधाई देता हूं. आने वाले दिनों में भारत का एक दल पेरिस पैरालंपिक खेलों में जाएगा. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

उन्होंने कहा कि भारत में जी20 का आयोजन हुआ. कई शहरों में 200 से ज्यादा इवेंट आयोजित किए गए. इसने दिखाया है कि भारत के पास बड़े से बड़े इवेंट को आयोजित करने की ताकत है, इसलिए हमारा सपना है कि 2036 में होने वाला ओलंपिक हमारे यहां आयोजित हो. इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पेरिस समझौते के तहत जो लक्ष्य तय किए गए थे. उसे पूरा करने वाला जी20 देशों में सिर्फ एक ही देश है, वो है भारत. 2030 तक रेलवे को नेट जीरो एमिशन करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग बढ़ रही है. पीएम सूर्य योजना से लोगों को व्हीकल चार्ज करना आसान हो गया है. पीएम मोदी ने कहा कि पहले डिफेंस बजट बाहर से हथियार खरीदने में खत्म हो जाता था. आज हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहे हैं. आज रक्षा उपकरण निर्माण में हमारी अपनी पहचान है. भारत डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि देश में कुछ चिंता की बातें भी हैं. मैं यहां से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं. एक समाज के नाते हमें ये सोचना होगा कि हमारी माता, बहनों और बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं. उसके प्रति लोगों का आक्रोश है. राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी काम करने वाले लोगों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो. समाज में विश्वास पैसा करने के लिए ये जरूरी है. महिलाओं पर अत्याचार की जब घटनाएं होती हैं तो उसकी बहुत ज्यादा चर्चा होती है. मगर जब ऐसा करने वाले राक्षसी व्यक्ति को सजा होती है तो इसकी खबर कोने में नजर आती है. इस पर चर्चा नहीं होती है. अब समय की मांग है कि ऐसा करने वाले दोषियों की भी व्यापक चर्चा हो ताकि ऐसा पाप करने वालों को भी डर हो कि उन्हें फांसी पर लटकना पड़ेगा. मुझे लगता है कि ये डर पैदा करना जरूरी है.

पीएम मोदी ने कहा कि महिला आधारित विकास के मॉडल पर काम किया गया है. इनोवेशन से लेकर आंत्नप्रन्योरशिप समेत हर सेक्टर में महिलाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं. महिलाएं सिर्फ भागीदारी नहीं बढ़ा रही हैं, बल्कि नेतृत्व कर रही हैं. हमारी सेना, नौसेना, वायुसेना और स्पेस सेक्टर में महिलाओं का दम-खम देखा जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्र बाहर जा रहे हैं. इसलिए अब 10 सालों में मेडिकल सीटों की संख्या 1 लाख हो गई है. अगले पांच साल में मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी. हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन चलाया है, ताकि बच्चों को पोषण मिल सके.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी पर बल देने की जरूरत है. चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति छात्रों की दिलचस्पी बढ़ी है. इस दिलचस्पी को सही दिशा में ले जाने के लिए संस्थानों को आगे आना होगा. सरकार ने रिसर्च के लिए सपोर्ट बढ़ाया है. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की व्यवस्था बनाई है. बजट में एक लाख करोड़ रुपये रिसर्च और इनोवेशन पर देने का प्रण लिया गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि देश में नई शिक्षा नीति लाई गई है. इसके जरिए अब युवाओं को विदेश जाकर पढ़ने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि विदेश से भी लोग यहां पढ़ने आएंगे. बिहार में नालंदा यूनिवर्सिटी को शुरू किया गया है. नई शिक्षा नीति ने मातृभाषा पर बल दिया है. भाषा की वजह से हमारे देश के टैलेंट को रुकावट नहीं आना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा, “विकसित भारत 2047 के लिए हमने देशवासियों से सुझाव मांगे. हमें प्राप्त अनेक सुझाव हमारे नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को दर्शाते हैं. कुछ लोगों ने भारत को कौशल राजधानी बनाने का सुझाव दिया, कुछ अन्य ने कहा कि भारत को विनिर्माण केंद्र बनाया जाना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. शासन और न्याय प्रणाली में सुधार, ग्रीनफील्ड शहरों का निर्माण, क्षमता निर्माण, भारत का अपना स्पेस स्टेशन, ये नागरिकों की आकांक्षाएं हैं. जब देश के लोगों के इतने बड़े सपने होते हैं,

तो ये हमारे आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं और हम और अधिक दृढ़ हो जाते हैं.”पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के संकटकाल को नहीं भूला जा सकता है. यही वो देश है, जहां जब आतंकवादी हमले करके चले जाते थे. जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है. जब सेना एयरस्ट्राइक करती है तो युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है. यही बातें हैं जो देशवासियों के मन को गर्व से भरती हैं.