उपेंद्र कुशवाहा को मोदी सरकार ने दी वाई प्लस सुरक्षा

दिल्ली

Central Desk : उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार ने वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। उपेंद्र कुशवाहा आजकल बिहार के दौरे पर हैं। उपेंद्र कुशवाहा पहले बीजेपी के साथ थे। वो केंद्र की मोदी सरकार में भी शामिल हुए थे। बाद में बीजेपी से नाराज होकर उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की जेडीयू का दामन थाम लिया था। जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। अब लग रहा है कि एक बार फिर पलटी मारने के बाद वो बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।

इस साल जनवरी में उपेंद्र कुशवाहा बीमार पड़े थे। वो दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। उस दौरान बिहार बीजेपी के कई नेता उपेंद्र कुशवाहा से मिलने गए थे। इस मुलाकात के बाद ही उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच छत्तीस का आंकड़ा बन गया। नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के बारे में मीडिया के सवाल पर कहा था कि उपेंद्र जहां जाना चाहें, वहां जा सकते हैं। इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि वो अपना हक लिए बगैर जेडीयू छोड़कर जाने वाले नहीं हैं।

उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी कहा था कि जेडीयू किसी एक नेता की नहीं है। उन्होंने बीते दिनों जेडीयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक भी पटना में बुलाई थी। इस बैठक के बाद ही उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू और बिहार विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से पार्टी बनाई।

अगर पार्टी बदलने की बात करें, तो उपेंद्र कुशवाहा अब तक 8 बार पलटी मारी है। साल 2007 में वो जेडीयू से निकाले गए, तो राष्ट्रीय समता पार्टी बनाई। साल 2009 में लोकसभा चुनाव के बाद फिर नीतीश कुमार के साथ गए। नीतीश ने उनको राज्यसभा भेजा। साल 2013 में उपेंद्र कुशवाहा फिर नीतीश को छोड़ गए और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बनाई।

साल 2014 में बीजेपी से गठबंधन कर उपेंद्र कुशवाहा ने अपने 3 प्रत्याशी जिताए। जिसके बदले में मोदी सरकार में मंत्री भी बने। 2018 में वो कई मुद्दों पर मोदी सरकार का साथ छोड़ गए। फिर बिहार में महागठबंधन का हिस्सा बने। फिर 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद महागठबंधन से हटकर बीएसपी और असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया। साल 2020 में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की जेडीयू में अपनी पार्टी का विलय किया था।