कहीं खाने के तेल में न लग जाए आग, इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया

दिल्ली

सेंट्रल डेस्क/नई दिल्ली। महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए एक बुरी खबर है। आने वाले दिनों में खाद्य तेल की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं। इसकी वजह है कि इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल से पाम तेल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इसका एलान किया है। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा। ऐसे में भारत में खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का खतरा बढ़ गया है।

पहले से ही महंगाई की तगड़ी मार झेल रही जनता पर बोझ और बढ़ने वाला है और इसकी वजह बना है इंडोनेशिया। दरअसल, इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल से पाम तेल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है और यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा। गौरतलब है कि भारत बड़ी मात्रा में पाम तेल का आयात करता है, तो इस कदम से भारत की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं या साफ शब्दों में कहें तो देश में पहले से महंगे खाने के तेल और महंगे होने वाले हैं।

मलेशिया पर बढ़ानी होगी निर्भरता
इंडोनेशिया पूरी दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। इस मामले में दूसरे नंबर पर है मलेशिया का नाम आता है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने शुक्रवार को पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। मौजूदा वक्त में भारत करीब 90 लाख टन पाम तेल का आयात करता है और इसमें से 70 फीसदी पाम तेल इंडोनेशिया से भारत आता है, जबकि 30 फीसदी मलेशिया से आयातित होता है।

2020-21 में भारत ने 83.1 लाख टन पाम तेल आयात किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि अब इंडोनेशिया के इस कदम के बाद भारत में पाम तेल का आयात बुरी तरह प्रभावित होगा, इसके लिए भारत को अब मलेशिया पर निर्भरता बढ़ानी होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में देश में खाने के तेल का भाव और बढ़ने की उम्मीद है। इससे बचने के लिए मलेशिया पर निर्भरता बढ़ानी होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया की ओर से लिए गए इस फैसले के कारण वैश्विक खाद्य मुद्रास्फीति में बढ़ावा देखने को मिल सकता है। जो कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है। यहां बता दें कि देश में सरसों तेल के दाम उच्च स्तर पर हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सूरजमुखी का तेल की सप्लाई बाधित होने के कारण बहुत महंगा हो चुका है। अब इंडोनेशिया के पाम तेल निर्यात को रोकने के बाद इस पर भी महंगाई और बढ़ जाएगी। बता दें कि भारत सरकार भी अब पाम तेल उत्पादन पर लगातार जोर दे रही है और नेशनल मिशन ऑफ एडिबल ऑयल के तहत 2025-26 तक भारत में पाम ऑयल का उत्पादन तीन गुना करने का लक्ष्य तय किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी इंडोनेशिया ने जनवरी में पाम तेल के निर्यात पर बैन लगाया था, हालांकि इसे मार्च में हटा लिया गया था। लेकिन इस बार जो प्रतिबंध का एलान किया गया है, उसके बारे में कहा गया है कि अगले नोटिस तक इसपर प्रतिबंध जारी रहेगा। यह बैन ऐसे समय में लगाया जा रहा है जबकि पहले से ही देश में सड़क से रसोई तक महंगाई की मार पड़ रही है और खाने के तेल के लिए लोगों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है। यहां बता दें कि राष्ट्रपति जोको विडोडो ने प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि मैं खुद इसकी निगरानी करूंगा कि देश में खाद्य तेल की आपूर्ति पर्याप्त रहे और इसकी कीमत भी कम रहे।

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