सीतामढ़ी : किसानों-कामगारों ने मुख्यमंत्री को भेजा संयुक्त ‘त्राहिमाम संदेश’

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सीतामढ़ी/रविशंकर सिंह। रीगा चीनी मिल क्षेत्र के करीब 500 किसानों तथा कामगारों ने मुख्यमंत्री बिहार को संयुक्त ‘त्राहिमाम संदेश’ भेजकर एनसीएलटी कलकता में ठोस पहलकर किसी कुशल उधमी से रीगा चीनी मिल चालू कराने तथा कोरोना तथा प्राकृतिक आपदा प्रभावित किसान तथा कामगारों के गाढी कमाई के बकाये करीब 75 करोड रुपये का भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग की है।

संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा, रीगा तथा रीगा चीनी मिल बर्कर्स यूनियन के पहल पर किसान-मजदूरों ने सीएम को त्राहिमाम संदेश मे कहा गया है कि कोरोना अवधि में विभिन्न तबको को सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग दिया गया परन्तु रीगा चीनी मिल के किसान-मजदूरो को तीन साल में सहायता की बात दूर कोरोना के तीसरे लहर तक भी उसकी गाढी कमाई का भी भुगतान नही हो सका है जो घोर अन्याय है।

मुख्यमंत्री से नेशनल कंपनी लौ ट्रिब्यूनल मे पहलकर किसी अच्छी कंपनी से मिल चालू कराने तथा बकाये का भुगतान कराने की मांग की गई है। कहा गया है कि सरकार सावधान नही रहेगी तो कोई ऐसा उद्यमी भी मिल खरीद लेगा जो मिल चलाने के वजाए बैंक का पैसा भुगतान कर किसान-कामगारों का पैसा दिये बगैर मिल बेचकर भाग जायगा।

मिल प्रबंधन ने साजिश कर स्वयं तथा अपने दलालों के मार्फत 12 हजार किसानों को केसीसी के जाल में फंसा दिया है जो सरकार के संज्ञान में भी है। मिल प्रबंधन ने जब बैकों से अपनी देनदारी स्वीकारी है और मिल स्वंय गारंटर भी है फिर किसानो को सहयोग कर सरकार ‘नो ड्यूज ‘ दिलाकर ॠणमुक्त कराए।

इसी प्रकार नये वर्ष मे सीएम द्वारा रीगा चीनी मिल क्षेत्र के किसानो को दूसरे मिल में गन्ना आपूर्ति पर भाडा भुगतान की घोषणा की गई है जबकि विभागीय लापरवाही सेअभी तक पिछले वर्ष के भाडा का भुगतान नही हो सका है उस राशि के अविलंब भुगतान का आदेश देने की मांग सीएम से की गई है।

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कहा गया है कि सीएम बंद मिल चालू कराने के अपने वायदे को पूरा कराते हुए समय रहते एक जिन्दा रीगा चीनी मिल को चालू करायें। अगर रीगा मिल बंद हुआ तो सरकार को बडा कलंक लगेगा और इलाके में आन्दोलन तेज होगा। त्राहिमाम् संदेश पर हस्ताक्षर करने वालों में संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के नेता डॉ. आनंद किशोर, जलंधर यदुवंशी, पारसनाथ सिह, कौशल सिंह, चन्देश्वर चौधरी, नरेश झा, रामजन्मभूमि, मोहन राम, मजदूर नेता अशोक कुमार सिंह, लालबाबू सिंह, रामनन्दन ठाकुर, मनोज कुमार, नवीन कुमार सिंह सहित करीब 500 किसान-मजदूरो के हस्ताक्षर हैं।