चंपारण : किसानी – मेंथा फसल की कटाई व पेराई शुरू, एक एकड़ में 55 लीटर निकलता तेल

मोतिहारी

मोतिहारी/राजन द्विवेदी। जिले के संग्रामपुर प्रखंड के डुमरिया पंचायत के सरेया बदुरहा गांव के दर्जनों किसानों ने जनवरी में अपने खेतों में लगाए औषधीय पौधों की कटाई कर उससे तेल निकालना शुरू कर दिया है। यह खेती किसानों ने अपनी गेहूं की फसल को काटने के बाद लगाया था।जानकारी देते हुए किसान सह संग्रामपुर आत्मा अध्यक्ष धीरज मिश्रा, विनयशंकर ठाकुर, मधुसूदन दूबे, नवल कुशवाहा आदि ने बताया कि विगत एक दशक से भी अधिक समय से वे लोग औषधीय और सगंधीय खेती करते आ रहे हैं।

धान की फसल कटने के बाद नवंबर महीने में यह फसल लगाई जाती है। कोई कोई किसान गेहूं की फसल काट कर भी इस फसल को लगाते हैं। आषाढ़ महीने में जब तक धान की रोपनी शुरू होगी तबतक किसान बीच के समय में ही इससे एक अलग आमदनी कर लेते हैं। अभी आसवन विधि से मेंथा से तेल निकाला जा रहा है।गांव में ही किसानों ने मेंथा पेराई के लिए मशीन लगाया गया है। किसान फसल लाते हैं उससे आसवन विधि से तेल निकाल लिया जाता है।

अनुभवी बुजुर्ग किसान मधुसूदन द्विवेदी और युवा इंजीनियर किसान धीरज ने बताया कि प्रति एकड़ मेंथा की फसल से 55 लीटर तक तेल निकलता। अभी बाजार में निकाले गए तेल की प्रति लीटर कीमत 1200 रुपए है। इस हिसाब से एक एकड़ में आमदनी 60 हजार रुपए तक हो जाती है। फसल उगाने में किसान की प्रति एकड़ लागत 12 से 15 हजार रुपए तक हो जाती है।