सेंट्रल डेस्क: भारतीय वायु सेना ने सोमवार देर रात पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को ध्वस्त कर दिया. इस काम को वायु सेना के मिराज 2000 के जरिए अंजाम दिया गया. सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस हमले में तकरीबन 300 आतंकियों के मारे जाने की सूचना है. केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि भारत ने आतंकी कैंप को ध्वस्त किया है. यह कोई सैन्य कार्रवाई नहीं थी. वायु सेना की इस कार्रवाई के बाद जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने अपने बयान दिए. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पढ़े-लिखे लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी मना रहे हैं. ये बात मुझे परेशान कर रही है. जहालत है ये सब. आतंकी कैंप को ध्वस्त किए जाने के बाद पूर्व IAS अधिकारी से नेता बने शाह फैसल ने भी ट्वीट किया. शाह फैसल ने लिखा कि कल तक विलाप करने वाले आज के हिंसा के चीयरलीडर्स कैसे बन सकते हैं. वहीं नेशनल कांफ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह एक नये तरीके का खेल है.
महबूबा मुफ्ती ने इस कार्रवाई के बाद क्या कहा
उन्होंने कहा कि आज IAF के हमले के बाद ट्विटर और समाचार चैनलों पर बड़े पैमाने पर युद्ध के उन्माद जैसी स्थिति है. इनमें से अधिकांश लोग अज्ञानी हैं, जिन्होंने बगैर दिमाग लगाए ही अपनी चीजों को फैलाना शुरू कर दिया है. मेरा कहना बस इतना है कि आखिरी कैसे शिक्षित लोग भी युद्ध की संभावना पर खुशी भी मना रहे हैं. यही सच में जहालत है.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि यदि मेरा प्रतिशोध अनावश्यक प्रतिशोध है तो ऐसा ही सही. मैं सिर्फ शांति के पक्ष में हूं और मैं सामूहिक अहं को संतुष्ट करने के लिए अनगिनत लोगों को बलिदान करने से बचना चाहूंगी. मुझे लगता है कि गर्व और देशभक्ति की गलत भावना करना जरूरी है.
वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पुलवामा हमले की जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा हमलों ने निस्संदेह देश के माहौल को खराब कर दिया है. लोग खून के लिए तरस रहे हैं और बदला लेना चाहते हैं. महबूबा ने ट्वीट किया है कि भारतीय वायुसेना द्वारा तड़के किए गए हमलों के बाद अलग-अलग बयान आ रहे हैं. विदेश सचिव के आधिकारिक बयान में दावा किया गया है कि आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर बमबारी की गई है जबकि पाकिस्तान ने इससे इंकार किया है. उसका कहना है कि दिखने के बाद विमान जल्दीबाजी में वापस लौट गए. आशा करती हूं कि दोनों पक्षों के हित सध रहे हैं.
शाह फैसल ने भी रखी अपनी बात
इस हमले को लेकर पूर्व आईएएस अधिकारी ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि कल जो इस तरह के हमलों को लेकर विलाप कर रहे थे वह आज की हिंसा के चीयरलीडर्स कैसे बन सकते हैं? यह युद्ध-भड़काना, हिंसा का महिमामंडन, राजनीतिक अंत के लिए हिंसा की आवश्यकता के तर्क, राज्य और गैर-राज्य हिंसा के बीच झूठे भेद, सभी मानवता के मूल मूल्यों के खिलाफ हैं.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि 45 जिंदगियों के खत्म होने के साथ ही कई परिवार बर्बाद हो गए. इसके बाद हजारों कश्मीरियों के खिलाफ लक्षित हमला, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति, दक्षिणपंथी ताकतों के लिए चुनाव में जीत की संभावना, कौन हारेगा कौन जीतेगा?
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय वायुसेना द्वारा जैश-ए-मोहम्मद की शिविरों पर किया गया हमला बिल्कुल नया खेल है क्योंकि यह पहली बार है जब शांति काल में पड़ोसी देश में आतंकवादियों पर हवाई हमला किया गया है. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि बालाकोट हवाई हमले के साथ ही हम नई मिसाल में पहुंच गए हैं. उरी के बाद हुआ सर्जिकल स्ट्राइक हमारे नुकसान का बदला लेने के लिए था, लेकिन बालाकोट जैश के संभावित हमलों को रोकने के लिए बरता गया एहतियात है. बिल्कुल नया खेल है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विजय गोखले के बयान पर प्रतिक्रिया कर रहे थे. गोखले ने कहा कि भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर मंगलवार तड़के बड़ा हमला किया ताकि भविष्य में संगठन के आत्मघाती हमलों को रोका जा सके. इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादी और प्रशिक्षक मारे गए हैं. अब्दुल्ला ने कहा कि बालाकोट में बहुत कुछ पहली बार हुआ. दो सबसे महत्वपूर्ण हैं. पहली बार शांति काल में पाकिस्तान के भीतर हमले के लिए हवाई क्षमता का प्रयोग हुआ और पहली बार स्पष्टरूप से आतंकवादी हमले रोकने के लिए एहतियात के तौर पर बल प्रयोग किया गया. भारत ने पिछली बार हवाई हमला 1971 में युद्ध काल में किया था. इसपर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इससे भारत और पाकिस्तान दोनों के हित सध रहे हैं क्योंकि हवाई हमले को लेकर वे विपरितार्थक टिप्पणियां कर रहे हैं.