करवा चौथ पर बन रहे हैं विशेष संयोग, निसंकोच रखें व्रत

0
2211

DESK : इस बार करवा चौथ पर चंद्रोदय यानी चांद निकलने समय रात 7 बजकर 53 मिनट पर है। महिलाओं को इस समय तक निर्जला व्रत रहना है। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 53 मिनट तक है। करवा चौथ का त्योहार सरगी के साथ शुरू होता है। सरगी करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले खाया जाता हैl इस वर्ष बहुत से शास्त्रीय नियमों का हवाला देकर तारा डूबने के कारण करवा चौथ पर उद्यापन करने के लिए मना करके भ्रमित किया जा रहा है और जनसाधारण को असमंजस में डाल दिया है। यह तर्कसम्मत नहीं है।

इसके विपरीत इस बार करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग बन रहे हैं जिन्हें कई विद्वान बिना देखे ही शुक्रास्त के चक्कर में , नजरअंदाज किए जा रहे हैं। इस दिन रोहिणी तथा कृतिका नक्षत्र के अलावा सिद्धि योग भी बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का सबसे शुभ नक्षत्र माना गया है। शुक्र या गुरु अस्त होने पर ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं न कि सभी त्योहार। करवा चौथ तो जीवन साथी की दीर्घायु ,स्वस्थ जीवन,व्रत रखने,उपहार देने,उद्यापन करने जैसी परंपराएं निभाने केइस वर्ष बहुत से शास्त्रीय नियमों का हवाला देकर तारा डूबने के कारण करवा चौथ पर उद्यापन करने के लिए मना करके भ्रमित किया जा रहा है और जनसाधारण को असमंजस में डाल दिया है।

यह तर्कसम्मत नहीं है। इसके विपरीत इस बार करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग बन रहे हैं जिन्हें कई विद्वान बिना देखे ही शुक्रास्त के चक्कर में , नजरअंदाज किए जा रहे हैं। इस दिन रोहिणी तथा कृतिका नक्षत्र के अलावा सिद्धि योग भी बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का सबसे शुभ नक्षत्र माना गया है। शुक्र या गुरु अस्त होने पर ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं न कि सभी त्योहार। करवा चौथ तो जीवन साथी की दीर्घायु ,स्वस्थ जीवन,व्रत रखने,उपहार देने, जैसी परंपराएं निभाने केलिए है जिसमें तारा डूबने के कारण इस पर कोई रोक नहीं है।

वास्तव में विवाह के शुभ मुहूर्त देखते समय आकाश में गुरु तथा शुक्र की पोजीशन ठीक होनी चाहिए जो इस बार पहली अक्तूबर से 20 नवंबर 2022 तक ठीक नहीं है। इसीलिए अक्तूबर तथा 20नवंबर Tak विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं हैं। यदि तारा डूबने के दौरान,नवरात्रि,दशहरा,भाई दूज,यहां तक कि दिवाली मनाई जा सकती है तो करवा चौथ का व्रत रखने में क्या दोष है? देशकाल,पात्र एवं परिस्थितिनुसार हमें आधुनिक समय में शास्त्रों की बहुत सी प्रचलित धारणाओं को बदलने की और उन नियमों के मर्म,भावना तथा आस्था को समझने की आवश्यकता है।

अतः नवविवाहिता जिनके विवाह के बाद यह पहला करवा चौथ है वे भी निसंदेह यह व्रत रख सकती हैं आधुनिक युग में कुंवारे,विवाह योग्य लड़के,पति तक करवा चौथ का व्रत अपने जीवन साथी के उत्तम स्वास्थ्य,लंबी आयु,जन्म जन्मांतर तक एक दूसरे को पाने के लिए मंगल कामना करते हैं जबकि हम अभी उन नियमों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं जो कई सदियों पूर्व लिखे गए थे। शास्त्रों की बात की जाए तो उनके अनुसार,यह व्रत केवल महिलाएं ही रखेंगी।

कहीं पुरुष द्वारा निर्जल व्रत रखने का जिक्र नहीं है। तो क्या पुरुषों का करवा चौथ मनाना शास्त्रों के विरुद्ध हो जाएगा? हमें समय के अनुसार बदलना आवश्यक है और यही सनातन पद्धति है। ऐसे में आप 13 अक्तूबर,गुरुवार को निसंकोच करवा चौथ मनाएं,उद्यापन करें कहीं दोष नहीं लगेगा। इस बार तो नर्क चौदस यानी छोटी दिवाली और बडी़ दिवाली आपको एक ही दिन 24 अक्तूबर को मनानी पड़ेगी क्योंकि 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण है। गोवर्धन पूजा,अन्नकूट और भाई दूज जैसे पर्व एक ही दिन 26 अक्तूबर को निपटाने पड़ेंगे।