BIHAR CABINATE : शिक्षकों को भुगतान के लिए 94 अरब से ज्यादा राशि पारित, सात अन्य फैसलों पर मुहर

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Patna, Beforeprint : पटना में चल रही नीतीश कैबिनेट (BIHAR CABINATE) की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में कुल आठ एजेंडों पर मुहर लगी है। शिक्षकों को भुगतान के लिए केंद्र की कटौती पर 94 अरब से ज्यादा के अनुदान को स्वीकृति दे दी गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए केंद्र की तरफ से कम राशि उपलब्ध होने के कारण कुल 94 अरब 40 लाख के अनुदान को स्वीकृति दे दी जाए।

वही, मधुबनी लौकही प्रखंड में विपुल नदी पर लक्ष्मीपुर गांव के पास वीयर योजना का निर्माण कराने के लिए 68 करोड़ रुपए से ज्यादा की स्वीकृति दी गई है। वहीं सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़े जिस एजेंडे को मंजूरी दी है। उसके मुताबिक साल 2023 के लिए बिहार सरकार के दफ्तरों में अवकाश और निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत बिहार में अवकाश की घोषणा की गई है।

साथ ही तय किया गया की आने वाले पांच साल तक बालू घाटों की नीलामी ई-प्रक्रिया से होगी। पहले साल के लिए डिपॉजिट राशि का निर्धारण जिला सर्वेक्षण प्रतिवेदन में अंकन, खनन योग्य बालू की मात्रा और उसके स्वामित्व के आधार पर किए जाएगा। वहीं लघु खनिज बालू के स्वामित्व दर के पुनरीक्षण के लिए बिहार खनिज समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण नियम और नियमावली 2019 की अनुसूची 3 क में संशोधन का प्रस्ताव भी पास हो गया है।

विज्ञान एवं प्राद्योगिकी विभाग के तहत उद्योग विभाग, बिहार सरकार के अधीन स्थापित बिहार रेशम एवं वस्त्र संस्थान, भागलपुर को टेक्सटाइल एवं अन्य अभियंत्रण शाखा में डिप्लोमा स्तरीय पाठ्यक्रम के लिए राजकीय पोलिटेकनिक (टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी) भागलपुर के रूप में संचालित करने को भी मंजूरी दे दी गई। इस काम के लिए बिहार रेशम एवं वस्त्र संस्थान, भागलपुर के अधीन कुल 7.12 एकड़ भूमि और उस पर निर्मित भवन सहित अन्य परिसम्पत्तियों विज्ञान एवं प्राद्योगिकी विभाग को हस्तान्तरित करने पर भी मुहर लग गई है।

पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण विभाग के तहत संचालित 12 एवं प्रस्तावित 27 स्कूल कुल 39 पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस 2 उच्च विद्यालय के लिए विभिन्न कोटि के 1092 शैक्षणिक पद एवं 273 गैर शैक्षणिक पद अर्थात कुल 1365 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। इस पर सरकार को हर साल 49 करोड़ 49 लाख 51हजार 500 रू का खर्चा आयेगा।