सेंट्रल डेस्क। जीएसटी काउंसिल की दो दिन की बैठक बुधवार को खत्म हो गई। जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल थे। बैठक के दूसरे दिन सभी राज्यों ने जीएसटी मुआवजा के लिए समय सीमा और बढ़ाने की मांग रखी परंतु इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।
निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक के बाद प्रेस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सभी एजेंडों पर चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों ने कहा है कि वे कुछ समय के लिए मुआवजे को जारी रखना चाहते हैं। तमिलनाडु के वित्त मंत्री ने पत्रकार वार्ता में कहा कि बीजेपी शासित सभी राज्यों के साथ दूसरे राज्य भी मुआवजे में विस्तार की मांग की है, इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री की टिप्पणी आई कि इस मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स पहली जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। उस समय राज्यों को जून 2022 तक होने वाले राजस्व नुकसान के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था। 30 जून को यह समयसीमा खत्म हो रही है। लिहाजा सारे सारे राज्य इस मुआवजे को आगे भी जारी रखने की मांग कर रहे हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि काउंसिल की बैठक में टैक्स में छूट व वापसी में सुधार पर जीओएम की सिफारिशों को लिया गया है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, घुड़दौड़ पर जीओएम की अंतिम रिपोर्ट पर वृहद चर्चा की गई।
मंगलवार को बैठक के पहले दिन भी कई महत्वपूर्ण फैसले हुए थे। कल की बैठक में कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं पर टैक्स की दरों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई थी। इसके साथ ही राज्यों को सोना और मूल्यवान पत्थरों की राज्य के भीतर आवाजाही के लिये ई-वे बिल जारी करने की अनुमति भी दे दी गई थी।