पितृदिवस पर याद किए गये महात्मागांधी
सरला श्रीवास सांस्कृतिक शोध संस्थान मे हुआ आयोजन
मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानन्द ठाकुर। सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान द्वारा आज ‘पिता दिवस’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गांधीवादी आनन्द पटेल ने की
अपनेअध्यक्षीय संबोधन में गांधीवादी आनंद पटेल ने कहा कि नफरत और हिंसा की भाषा लोगों को बांटती है, डर पैदा करती है, और बाद में इसके अराजक दुष्णप्रभाव पूरे समाज को निगल जाता हैं. ।
मानवीय और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए गांधीवादी संवाद हमेशा प्रासंगिक और अनिवार्य रहा है। उन्होने कहा कि गांधी एक सच्चे वक्ता और ईमानदार लेखक थे.
गांधी ने हर पहला कदम हमेशा खुद उठाया.।बात चाहे पत्रकार के रुप में उनके लेखों की हो, या नैतिकता से भरे उनके निजी जीवन और भाषणों की, गांधी ने शब्दों ने सदा अपने अनुयायियों का मार्गदर्शन किया.।उन्होने कहा , तलवार से ज्यादा ताकतवर कलम होती है।
अहिंसा के अलग-अलग रास्तों में आगे रहने वाले अपने लोगों का नेतृत्व करने की खोज में, गांधी ने साबित कर दिया कि उनकी अहिंसक कलम हिंसक तलवार की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली थी. इस कारण वे पूरी मानवता के मसीहा बन गये।
सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक ,लोक कलाकार सुनील कुमार ने कहा कि
फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं ,जिसमे पितृत्व (फादरहुड), पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है।
सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए
महात्मा गांधी को पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया था। उन्हे ‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी कहा था।
सरला श्रीवास युवा मंडल की संरक्षक लोक गायिका अनीता कुमारी ने पिता दिवस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गीतों को माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए
ए ही माटी के महात्मा गांधी
राष्ट्रपिता के मिलल सेहरा
अंगूठी के नगीना
हमार देशवा अंगूठी के नगीना
गीत सुनाया साथ ही
पितृदिवस पर पूज्य बाबूजी एवं पितृतुल्य बुज़ुर्गों को श्रद्धा सुमन अर्पित की।
पिता दिवस पर ज्योति कुमारी ने कविता
मेरी हर खुशी हर बात आपकी है पिता जी
सांसों में छुपी ये सांस आपकी है पिता जी
हर पल, हर क्षण का विश्वास है पिता जी
आपकी छाया मेरी पहचान हैं
पिता जी
आसमान से भी विशाल हृदय आपका हैं पिता जी
सागर से भी गहरा प्रेम आपका हैं
पिता जी
सामने सख्त पर मोम से भी मुलायम हृदय आपका हैं पिता जी सुनाई।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सरला श्रीवास युवा मंडल की अध्यक्ष सुमन कुमारी कहा कि
‘पिता दिवस” पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला समारोह है, जिसमें पितृत्व, पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है।