बीपी डेस्क : मऊ के घोसी से बसपा सांसद अतुल राय दुराचार के मामले में कोर्ट से बरी हो गए। अतुल राय के वकील अनुज यादव और वादी के वकील एडीजीसी ज्योति शंकर ने पुष्टि की है। वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को सांसद के खिलाफ चल रहे दुराचार केस में फैसला सुनाया है। अतुल राय के खिलाफ 2019 से यह दुष्कर्म का मामला चल रहा था। वह करीब 36 महीने से नैनी जेल में बंद हैं। इस मामले की जांच में लापरवाही के आरोप में एक डिप्टी एसपी जेल में हैं और आईपीएस अमित पाठक को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया था।
अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने अपने मित्र के साथ पिछले साल 16 अगस्त को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था। गंभीर रूप से झुलसी युवती की 24 अगस्त को और उसके साथी की उससे पहले मौत हो गई थी। आत्मदाह करने से पहले दोनों ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा लोगों के साथ साझा की थी।
युवती की मां ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि वह चाहती हैं कि उनकी बेटी की मौत के जिम्मेदार सांसद अतुल राय को फांसी की सजा मिले। उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी बेहद प्रतिभावान थी और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थी। वह जरूर कुछ न कुछ बनती लेकिन उसने तड़प-तड़प कर जान दी है।’
2019 में युवती ने दर्ज कराया था केस
युवती वाराणसी में पढ़ाई कर रही थी और उसने मई 2019 में वहां के लंका थाने में राय के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवती की मां ने कहा था, ‘मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी की मौत के जिम्मेदार सांसद अतुल राय को भी फांसी की सजा हो।’ उन्होंने कहा कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, फिर भी परिवार अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने की लड़ाई पूरी शिद्दत से लड़ेगा।