Kanpur : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के ‘ग्राहक जागरण पखवाड़ा’ का हुआ समापन

कानपुर
  • बाल भवन में गोष्ठी में वक्ताओं ने जागरूक किया, दैनन्दिनी का हुआ विमोचन
कानपुर/अंकित दीक्षित: अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, कानपुर प्रान्त के तत्वावधान में गत 15 दिसम्बर से चल रहे 'ग्राहक जागरण पखवाड़ के समापन के अवसर पर बुधवार को फूलबाग स्थित बाल भवन के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने कहा कि ग्राहक पंचायत जागृत ग्राहक उन्नत भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। 

इस अवसर पर संगठन द्वारा प्रकाशित दैनन्दिनी का भी विमोचन किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अधिवक्ता सचिन शुक्ला ने कहा कि ग्राहकों के अधिकार तो बहुत हैं लेकिन जानकारी के अभाव में वे ठगे जा रहे हैं। अधिवक्ता सुशील कश्यप ने बताया कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 में अनेक संशोधन किये गये हैं। अब उपभोक्ता देश भर में कहीं भी उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।


श्रीमती कुमुद द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में गृहस्थी का सामान अधिकतर महिलाएँ ही खरीदती हैं, अतः उनको जागरूक करने की आवश्यकता है। श्रीमती निमिषा त्रिपाठी ने कहा कि ग्राहकों की जागृति के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम करते रहना चाहिए। 

रवि शंकर त्रिपाठी ने कहा कि देश के पर्यावरण को शुद्ध और संतुलित करने का दायित्व ग्राहकों का ही है। बाल भवन की प्रशिक्षिका आशा मिश्रा ने कहा कि स्टेटस सिम्बल में पड़कर महिलाएँ घटतौली एवं अनुचित व्यापार की शिकार हो रही हैं। 
स्वागत करते हुए कार्यक्रम संयोजक विभोर द्विवेदी ने कहा कि विद्यालयों के खुलने में बाद उपभोक्ता क्लब बनाकर विद्यार्थियों को उपभोक्ताओं के संरक्षण व हितों के बारे में जानकारी दी जाएगी। अध्यक्षता कर रहे शंकर दयाल दुबे ने आह्वान किया कि देश की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर ग्राहक अपने साथ देश के विकास के लिए अधिकाधिक स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करें। 


इस अवसर पर ग्राहक पंचायत द्वारा प्रकाशित दैनन्दिनी (डायरी) का भी विमोचन किया गया। प्रान्त संगठन मंत्री हरिभाऊ खाण्डेकर ने आह्वान करते हुए कहा कि भारत विकसित देशों की श्रेणी में अग्रसर है मगर देश के सामने आर्थिक चुनौतियाँ भी हैं। ऐसे समय में ग्राहकों का दायित्व भी बहुत बढ़ गया है। धन्यवाद ज्ञापन इन्द्रेश त्रिपाठी ने किया।