मदारपुर में हरे-भरे पेड़ों पर चल रही है आरी, प्रशासन की आंख पूरी तरह से बन्द

कानपुर

कानपुर। एक ओर जहां केन्द्र और प्रदेश सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पौधा रोपण करवाने का काम कर रही है।, वहीं दूसरी तरफ भू-माफिया ओर असामाजिक तत्व इन सभी नियमों को ताक पर रखकर कुछ दबंग नेताओं की सरपरस्ती और अधिकारियों से मिली भगत कर हरे पेड़ों पर आरी चलवाने से बाज नही आ रहे हैं।

ऐसा ही नगर के कई क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है जमीन कब्जाने को लेकर भू माफिया और दबंग चाहरदीवारी की आड में हरे भरे पेडों को काटने से बाज नही आ रहे हैं। दबंगों का वर्चस्व इतना है कि वन विभाग और पुलिस भी इनका कुछ बिगाड सकने की स्थिति में दिखायी नही दे रहे है।

ये बात इतर है कि इनके अलावा यह कार्य कोई साधारण व्यक्ति करता तो वन विभाग के कर्मचारी उन पर शिकंजा कसकर कानूनी प्रक्रिया का पाठ पढ़ाने में कोई कोताही नहीं बरतते, लेकिन भू-माफियाओं के ऊपर किसी दबंग नेताओं की सरपरस्ती से हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है! कानपुर नगर के महाराजपुर क्षेत्र में मदारपुर गांव में यह नजारा देखने को मिल रहा है जिसमें रोड के किनारे काटे जा रहे पेड़ों की ओर वन विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

यहां भूमि पर कब्जा करने की नियत से हरे भरे नीम और बरगद के साथ ही अन्य छायादार पेड़ों को काटे जाने का काम किया जा रहा है।. महाराजपुर का मदारपुर गांव इन दिनों भू माफियाओं की नजरों में चढ चुका है।. क्षेत्र में हरे भरे विशालकाय पेड़ों के अलावा गत दिनों से कब्जे करने की नीयत से हरे पेड़ काटे जा रहे हैं।. इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी नही सुनी जा रही
इस क्षेत्र में रहने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को इस बात से अवगत करवाया लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात ही रहा। बीते कई दिनों से चाहरदीवारी के भीतर ही हरे भरे पेडों पर आरियों का वार किया जा रहा है लेकिन न तो आज तक पुलिस के अधिकारी पहुचे और न ही वन विभाग के।

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि मदारपुर की जमीन पर भूमाफियाओं ने कृषि के लिए खेतों कों न प्रयोग कर उसे प्लांटिंग के रूप में कब्जाने का काम कर रहे है। वह हरे भरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे है। इस बारे में महाराजपुर के थानेदार से बात की गयी तो उन्होंने इस पर अनिभिज्ञता जताते हुए मामले को देखने का आश्वासन दिया।