नालंदा : जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका करेगा संक्रमण से सुरक्षा

बिहारशरीफ

– “ब्रिंगिंग हेपेटाइटिस केयर क्लोज़र टू यू” है इस वर्ष की थीम
— प्रतिवर्ष 9 लाख लोगों की होती है हेपेटाइटिस से मृत्यु- विश्व स्वास्थ्य संगठन

बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय: हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है। इस रोग के बढ़ने से व्यक्ति सिरोसिस , लिवर , कैंसर एवं अन्य कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 9 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी के कारण होती है।

वैश्विक स्तर पर हेपेटाइटिस को लेकर आम जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष “ब्रिंगिंग हेपेटाइटिस केयर क्लोज़र टू यू” को थीम के रूप में चुना है। हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में शामिल किया जाता है। हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। हेपेटाइटिस का संक्रमण खून चढ़ाने, इस्तेमाल की हुई सुई का प्रयोग, रेजर, दूसरे का टूथब्रश इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, नाक कान छिदवाने, हेपेटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर को, घर में किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने आदि से होता है।

जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका करेगा संक्रमण से सुरक्षा:
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं।जिसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपेटाइटिस ई शामिल हैं। इनमें हेपेटाइटिस बी सबसे खतरनाक एवं जानलेवा साबित हो सकता है। इससे सुरक्षा जन्म के समय हेपेटाइटिस का टीका देकर की जा सकती है। थकावट का अहसास, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द का रहना, भूख का ख़त्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आँखों का पीलापन , गंभीर स्थिति में खून की उल्टी जैसे लक्षण हेपेटाइटिस वायरस संक्रमण के होते हैं। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होते हैं।

हेपेटाइटिस बी,सी और डी संक्रमित रक्त और शरीर में मौजूद संक्रमित द्रवों से फैलते हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि इस रोग के बारे में जनसाधारण में जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि वे हेपेटाइटिस के खतरे को समझ सकें.

ये हैं हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सुरक्षित यौन संबंध बनाना, सुरक्षित रक्त चढ़वाना, टैटू के लिए नयी सुई का प्रयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता का नियमित पालन, गर्भवती महिला में संक्रमण की पुष्टि होने होने पर तत्काल उपचार एवं स्वच्छ एवं ताजा भोजन करने की आदत अपनाकर हेपेटाइटिस के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है।

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