एम्स पटना में विश्व पर्यावरण सप्ताह का आयोजन

फ़ुलवारी शरीफ

फुलवारी शरीफ,अजीत. शुक्रवार को एम्स पटना में मनाया जा रहा विश्व पर्यावरण सप्ताह का समापन हो गया. कार्यकारी निदेशक डॉ जी के पाल के मार्गदर्शन में इस दौरान प्लांटेशन, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग, साइकिल रैली सहित कई गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण , नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने, कचरे को कम करने और अपने कर्मचारियों, एमबीबीएस, नर्सिंग छात्रों, डॉक्टरों, आम लोगों और हितधारकों को पर्यावरण के लिए जिम्मेदार होने के लिए प्रोत्साहित किया गया. एम्स परिसर में कार्यपालक निदेशक डॉ. पाल एवं उनकी टीम द्वारा 50 वृक्षों का रोपण किया गया. पौधारोपण कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डा. सी एम सिंह, ट्रामा सेंटर के उप चिकित्सा अधीक्षक डा. अनिल कुमार, प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. वीणा सिंह सहित अन्य कई फैकल्टी, स्टाफ व छात्र- छात्राओं ने भाग लिया.

वृक्षारोपण कार्यक्रम के बाद ओपीडी में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें 500 से अधिक लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने एवं दूसरे लोगों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया.साथ ही प्लास्टिक प्रदूषण को दूर करने के संकल्प लिया गया. इस वर्ष की थीम “बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन” छात्रों, फैकल्टी,कर्मचारियों और आम लोगों को इस विषय पर विस्तार से बताया गया की कैसे पर्यावरण संरक्षण के जरिए जैव विविधता को बढ़ाया जा सके और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके.

कार्यकारी निदेशक डॉ जी के पाल ने प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में सभी से साथ जुड़ने का आग्रह किया .उन्होंने कहा की हमें प्लास्टिक कचरे को कम करना, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण करना चाहिए, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग को कम करना चाहिए और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना चाहिए. एम्स पटना पर्यावरण के संरक्षण और सुरक्षा के महत्व को पहचानते हुए अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और हरित पहलों को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय कदम उठा रहा है.

चिकित्सा अधीक्षक डॉ सी एम सिंह ने बताया कि देश के एक प्रमुख संस्थान के रूप में हम प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाएंगे और उपायों को लागू करेंगे. डॉ अनिल कुमार, एडिशनल प्रोफेसर और हेड ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर ने कहा कि वैश्विक नागरिक के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम पर्यावरण की रक्षा करें और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करें. दुर्भाग्य से, प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक संकट बन गया है, जो हमारे महासागरों, समुद्री जीवन और हमारे स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बन गया है. कार्यक्रम में नवीन शर्मा, लक्ष्मी प्रसन्ना, डॉ आर के मंडल, सभी नर्सिंग छात्र, स्वच्छता कर्मचारी, रेजिडेंट्स, नर्सिंग अधिकारियों ने बहुत सक्रिय रूप से भाग लिया.