बक्सर : कृषि कालेज की शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक सुधार करने की जरूरत है – कुलपति

बक्सर बिहार

बिहार कृषि विश्व विद्यालय के कुलपति नें बेस्ट शिक्षको, वैज्ञानिकों एवं छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने का निर्देश प्राचार्य को दिया

बक्सर, बिफोर प्रींट। उत्तर प्रदेश के बाराणसी स्थित स्पीडब्रीड भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह के साथ भाग लेकर कुलपति डा.अरूण कुमार सीधे डुमराव स्थित कृषि कालेज में पंहुचे और कालेज प्रबंधन के साथ समीक्षात्मक बैठक में भाग लिया। समीक्षात्मक बैठक के दरम्यान बिहार कृषि विश्व विद्यालय के कुलपति डा.अरूण कुमार पूरी तरह प्रशासनिक रौ में रहे। इसकी वानगी शनिवार की दोपहर विश्व विद्यालय के डीन रेवती रमण सिंह व अनुसंधान निदेशक डा.आर.पी.शर्मा संग कुलपति डा.अरूण कुमार द्वारा वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज एवं कृषि अभियंत्रण कालेज के विभिन्न विकास कार्यो, अनुसंधान कार्यो एवं शिक्षण व्यवस्था के आलावे अन्य आधार भूत संरचना संबधी किए गए कार्यो को लेकर आहूत समीक्षात्मक बैठक के दरम्यान दिखी।

इस मौके पर कुलपति डा.कुमार ने कालेज के पठन पाठन व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लानें का शिक्षको को पाठ पढ़ाया। इसी क्रम में छात्र- छात्राओं के स्वास्थ लाभ के लिए चिकित्सक की व्यवस्था करने को प्राचार्य को डीएम से संर्पक करनें, अनुसंधान कार्य में जुटे मेधावी वैज्ञानिकों, मेधावी छात्र-छात्राओं एवं बेहतर शिक्षण कार्य के लिए बेस्ट शिक्षक का चुनाव कर उन्हें स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के मौंके पर समारोह आयोजित कर सम्मानित करने के लिए प्राचार्य डा.रियाज अहमद को निर्देश दिया। वहीं छात्र छात्राओं के बीच कक्षा रूम के आलावे शिक्षको को छात्र छात्राओं के पठन पाठन पर अतिरिक्त समय देनें का पाठ पढ़ाया। बाद में कुलपति नें कालेज के अतिथि भवन में पत्रकारों से बात- चीत करते हुए बताया कि विश्व विद्यालय की अंगीभूत सभी 9 कृषि कालेज सहित कृषि अभियंत्रण कालेज में बेहतर शिक्षा व्यवस्था बनाए रखने को संकल्पित हैं। उन्होनें बताया कि जल्द ही बिहार में एक वानिकी कालेज खोले जाने की प्रक्रिया सरकार के स्तर पर जारी है।

आगे समीक्षात्मक बैठक के दरम्यान कालेज की शिक्षिका डा.नीतू सिंह एवं पवन शुक्ला द्वारा कालेज के टमाटर प्रसंस्करण इकाई में आलू के चिप्स का निर्माण कर बाजार में क्रय-विक्रय करने का प्रस्ताव कुलपति डा.कुमार के समक्ष रखा गया। शिक्षिका डा.नीतू सिंह के प्रस्ताव को कुलपति डा.कुमार नें मौंके पर स्वीकृति प्रदान करते हुए आलू के चिप्स का निर्माण कार्य शुरू कराए जाने को 25 लाख की राशि विश्व विद्यालय स्तर पर उपवांटित करने का उन्हें आश्वासन प्रदान किया गया। कुलपति डा.कुमार द्वारा नीलगाय को पालतू जानवर बनाए जाने की दिशा में लेकर शुरू किए गए महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्य के प्रगति की जानकारी वैज्ञानिक डा.सुदय प्रसाद से ली गई और वैज्ञानिक डा.प्रसाद को अनुसंधान कार्य में आने वाली बाधाओं की जानकारी प्रदान करने एवं पूरे लगन व मेहनत के साथ अनुसंधान कार्य को अतिंम मुकाम तक पंहुचाए जाने को कुलपति द्वारा निर्देशित किया गया।

समीक्षात्मक बैठक में विश्व विद्यालय अनुसंधान निदेशक डा.आर.पी.शर्मा, विश्व विद्यालय के डीन रेवती रमण सिंह, कृषि-अभियंत्रण कालेज के प्राचार्य डा.जे.पी.सिंह, कृषि कालेज के प्राचार्य डा.रियाज अहमद, वरीय वैज्ञानिक डा.बिनोद कुमार सिंह, एसोसिएट प्रो.डी.के.सिंह, एसो.प्रो.शांति भूषण, डा.आर.के.साह, जूनियर वैज्ञानिक डा.विनोद कुमार सिंह, डा.उदय कुमार, डा.ए.के.जैन, जूनियर वैज्ञानिक एस.के.चैधरी, सहायक प्रोफेसर डा.सी.के.प्रभाकर, सहायक प्रोफेसर डा.जीतेन्द्र कुमार, डा.वी.के.सिंह, डा.रणजीत कुमार, ई.विकास चंद्र वर्मा, डा.मणी भूषण ठाकुर, हर्टिकल्चर के डा.एस.आर.पी.सिंह एवं डा.अखिलेश कुमार सिंह एवं लेखा शाखा के पदाधिकारी नारायण कुमार सहित कालेज के कई शिक्षक एवं वैज्ञानिक मौजूद थे।