द्रमुक सांसद की हिंदी के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की हिंदी साहित्य सम्मेलन व साहित्यिक संस्थाओं ने की निंदा

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बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा। द्रमुक सांसद (राज्य सभा) टीकेएस एलंगोवन के हिंदी भाषा एवं हिंदी भाषियों के लिए अपमानजनक एवं विवादित हालिया बयान के विरोध में साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अनुराग, चंपारण साहित्य संस्थान एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद, संस्कार भारती ने रेड क्रॉस भवन, बेतिया में एक संयुक्त आकस्मिक बैठक किया।

बैठक की अध्यक्षता सैयद अब्दुल मजीद ने किया। बता दें कि सांसद एलंगोवन ने अपने हालिया बयान में कहा है कि हिंदी हमें शूद्रों में बदल देगी। यह शूद्रों की भाषा है, सभी बीमारू राज्‍यों की भाषा हिंदी है। इनमें बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। इसके पलट विकसित राज्‍यों की मातृभाषा हिंदी नहीं है।

बैठक में उपस्थित सदस्य डाॅ. जगमोहन कुमार, अखिलेश्वर मिश्र, लालबाबू प्रसाद, डॉ. सुरेन्द्र राम, पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा, सैयद शकील अहमद, रजनीश मिश्रा, बिपिन कुमार, इमरान कुरैशी, दिलशाद अहमद, राकेश मिश्रा, देवेन्द्र कुमार, वर्चुअल माध्यम से जुड़े पं. चतुर्भुज मिश्र, डाॅ. दिवाकर राय, जयकिशोर जय, प्रशांत सौरभ, चन्द्रिका राम, श्याम कुमार, आभास झा, फिरोज खान आदि ने एक स्वर में उक्त बयान की कड़ी निंदा व आलोचना की और कहा कि देश की सर्वोच्च महापंचायत संसद के उच्च सदन के सदस्य का निम्नतम स्तर का बयान देना संसद व संविधान, राजभाषा व मातृभाषा, देश-दुनिया के हिन्दी भाषियों व हिन्दी प्रेमियों का घोर अपमान है।

इस बैठक के माध्यम से इन संस्थाओं ने राज्यसभा के सभापति व केन्द्र सरकार से रास सांसद एलंगोवन पर विधिसम्मत कारवाई, उनकी सदस्यता रद्द करने एवं सांसद द्वारा देशवासियों से तुरंत माफी माॅंगने की माॅंग की है। अगर शीघ्र समुचित कारवाई नहीं होती है तो हिन्दी भाषी, हिन्दी प्रेमी व साहित्यिक संस्थाएं मिलकर आंदोलन करेंगे।

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