नालंदा:आसन्न लोकसभा आम मतदान के सफल आयोजन के प्रशिक्षण -सह – कार्यशाला का आयोजन

नालंदा

Biharshari/Avinash pandey: जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का ससमय निर्वहन सुनिश्चित करेंगे । नजरी नक्शा के अनुसार सभी मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन हर हाल में छः दिनों में सुनिश्चित करेंगे। सभी मतदान केंद्रों पर मूलभूत सुविधा एवं पहुंच पथ की स्थिति से अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।

सख्त निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि संबंधित पुलिस पदाधिकारी वल्नरेबल मैपिंग का कार्य 6 दिनों में पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे, थाना स्तर पर भेद्य व्यक्ति टोला का स्थल भ्रमण कर चिन्हित करेंगे, असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने कहा कि कमजोर वर्गों असहाय व्यक्तियों को अपने मत का प्रयोग कराना, स्वच्छ ,निष्पक्ष , प्रदर्शिता पूर्वक चुनाव संपन्न कराना मुख्य उद्देश्य है । डराने, धमकाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ।

प्रशिक्षण के क्रम में सभी सेक्टर पदाधिकारियों को निम्न आवश्यक जानकारी दी गई :-

भेद्यता :
किसी मतदाता या मतदाताओं के समूह को जो भौगोलिक रूप से उस मतदान क्षेत्र में रहता हो, जिसे धमकी / भय दिखाकर या अनुचित प्रभाव का उपयोग कर या किसी तरह का दबाव डालकर स्वतंत्र निर्भिक एवं निष्पक्ष तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करने से रोकना या प्रभावित करना। भेद्यता मैपिंग का कार्य तीन चरणों में किया जाना है :
प्रथम
धमकी या भयादोहन के प्रति भेद्य मतदाताओं / मतदाता वर्गों की पहचान करना।
प्रत्येक मतदान केन्द्र के क्षेत्र में आने वाले ग्राम / टोलों / Dwelling Area में सतत रूप से गमन करना तथा भेद्य क्षेत्रों / समुदायों, भेद्य परिवारों / घरों की पहचान करना ।

द्वितीय
भेद्यता उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों की पहचान करना ।
स्थानीय लोगों/समुदायों से विस्तृत वार्ता / विवेचना कर तथा स्थानीय Dwelling Area से आसूचना संग्रह कर भेद्यता के कारक व्यक्तियों / श्रोतो की सूची बनाना।

तृतीय
भेद्यता उत्पन्न करने के लिए उतरदायी व्यक्तियों के विरूद्ध निवारक कार्रवाई करना ।
भेद्यता मैपिंग में पूर्व घटित घटनाओं एवं वर्तमान आशंकाओं को ध्यान में रखना ।
भेद्यता मैपिंग को स्थानीय थाना प्रभारी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की सहायता से अंतिम रूप देना ।
भेद्य समुदायों के साथ संपर्क बिन्दु, मोबाईल नं० सहित, चिन्हित करना है।

कर्त्तव्य एवं दायित्वों का परिचय :

सेक्टर पदाधिकारी / सेक्टर दण्डाधिकारी चुनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। पीठासीन पदाधिकारी मतदान दलों एवं निर्वाची पदाधिकारी जिला निर्वाचन पदाधिकारी के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते है।
सेक्टर पदाधिकारी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के दिन से लेकर मतदान प्रक्रिया पूर्ण होने तक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी का निर्वहन करते है।सेक्टर पदाधिकारियों को एक से अधिक मतदान केन्द्रों भवनों पर सुगम, निष्पक्ष एवं भयमुक्त निर्वाचन कराने हेतु किसी निर्वाचन क्षेत्र खंड का एक “सेक्टर” सौंपा जाता है ।सेक्टर दण्डाधिकारी मतदान केन्द्र का सत्यापन मतदान केन्द्रों पर मूलभूत सुविधा मतदाता जागरूकता भेद्यता मैपिंग संचार योजना आदर्श आचार संहिता मतदाता पर्ची का वितरण खराब ई०वी०एम० को बदलना सुगम एवं भयमुक्त चुनाव कराना विभिन्न प्रकार के प्रतिवेदन

मतदान केन्द्र का सत्यापन :

नजरी नक्शा तथा रूट चार्ट तैयार करने के साथ-साथ मतदान केन्द्रों पर आवागमन हेतु मार्ग की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
मतदान केन्द्र पर बुनियादी सुविधायें / मूलभूत सुविधा यथा— उपस्कर, पेयजल, रैम्प, शेड, शौचालय, बिजली, चाहरदिवारी एवं मतदान केन्द्र भवन की स्थिति के संबंध में जिला को विहित प्रपत्र प्रतिवेदन देना तथा मूलभूत सुविधायें सुनिश्चित करना ।
मतदान केन्द्रों के संबंध में मतदाताओं को जानकारी देना / व्यापक प्रचार-प्रसार करना ।
मतदान केन्द्रवार स्थानीय मतदाता, पंचायत जनप्रतिनिधि आदि का विवरण सम्पर्क सूत्र सहित एकत्रित करना तथा कम्प्युनिकेशन प्लान तैयार करना। इस कम्युनिकेशन प्लान में निर्वाचन से संबंधित अधिकारियों / स्थानीय थाना आदि का भी सम्पर्क सूत्र दर्ज करना ।
यह सुनिश्चित करना कि मतदान केन्द्र के 200 मीटर की परिधि में किसी भी राजनितीक दलों / अभ्यर्थियों का कार्यालय नहीं हो ।

अप्राधिकृत प्रचार वाहनों की आवाजाही संपत्ति के विरूपन, अनाधिकृत प्रचार सार्वजनिक भवन / सरकारी भवन / सरकारी कर्मी का दुरूपयोग एवं आदर्श आचार संहिता के सभी संभवन उल्लंघनो पर नजर रखना तथा सहायक निर्वाची पदाधिकारी/निर्वाची पदाधिकारी को इस संबंध में प्रतिवेदित करना।

मतदान पूर्व उत्तरदायित्व मतदाताओं के विषय में

आवंटित मतदान केन्द्रों के मतदाताओं के बीच ई०वी०एम० के जागरूकता हेतु सभी प्रकार के आवश्यक कार्रवाई / प्रचार-प्रसार । ईपिक कवरेज कार्यक्रम के संबंध में मतदाताओं को जागरूक करना।
मतदाताओं को वोटर हेल्पालईन ऐप तथा मतदान केन्द्र भवन के संबंध में जागरूक करना।
अर्हता प्राप्त मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम पंजीकृत कराने हेतु प्रेरित करना ।
पंजीकृत मतदाताओं को मतदाता सूची में अपना नाम त्रुटिरहित दर्ज है अथवा नहीं, इसकी जाँच ऑनलाईन / बी0एल0ओ0 के माध्यम से करने हेतु प्रेरित करना ।
संबंधित मतदान केन्द्र के मतदाताओं / लोगो से टेलिफोन / मोबाईल संचार सम्पर्क प्राप्त करना तथा संचार सम्पर्क बनाये रखना । प्रत्येक भेद्य मतदाता वाले क्षेत्र के 5-10 मुख्य व्यक्तियों के नाम एवं सम्पर्क नम्बर की जानकारी रखना तथा उनके संचार सम्पर्क में रहना ।
सभी सेक्टर पदाधिकारियों के द्वारा अपने से संबंधित मतदान केन्द्रों का कम्युनिकेशन प्लान बना कर उसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना ।
मतदाता पर्ची का वितरण मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी के द्वारा किया जाना है। यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान दिवस के 05 दिन पूर्व हीं मतदाता पर्ची मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी के द्वारा वितरीत कर दिया जाय ।

मतदान पूर्व उत्तरदायित्व
भेद्यता मैपिंग (Vulnerability Mapping) कार्य

धमकी या भयादोहन के प्रति भेद्य मतदाताओं / मतदाता वर्गो / व्यक्तियों की पहचान करना ।
प्रत्येक मतदान केन्द्र के क्षेत्र में आने वाले ग्राम / टोलो / आवंटित क्षेत्र में सतत् रूप से भ्रमण करना तथा भेद्य क्षेत्रों / समुदाय, भेद्य परिवारों/घरो की पहचान करना ।
स्थानीय लोगों/समुदायों से विस्तृत वार्ता / विवेचना कर तथा स्थानीय क्षेत्र से आसूचना संग्रह कर भेद्यता के कारक व्यक्तियों / श्रोतों की सूची बनाना।
भेद्यता मैपिंग के दौरान पूर्व घटित घटनाओं के संबंध में सूचना का संग्रहण करना तथा वर्तमान आशंकाओं को ध्यान में रखना। आवंटित क्षेत्रों में सतत् भ्रमणशील रहना तथा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम/सुसंगत नियमों के अंतर्गत कार्रवाई करते हुये उसकी सूचना निर्वाची पदाधिकारी एवं आदर्श आचार संहिता कोषांग को देना ।
भेद्यता मैपिंग कार्य को स्थानीय थानाध्यक्ष एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की सहायता से अंतिम रूप देना ।
भेद्य समुदाय/पॉकेट / व्यक्तियों का पूर्ण विवरण यथा – निवास पता, मोबाईल नम्बर आदि सहित विवरण तैयार करना।
मतदान के लिये मतदाताओं की स्वतंत्र एवं भयमुक्त मतदान केन्द्र तक पहुँच सुनिश्चित करना ।
अपने मतदान क्षेत्र में लगातार भ्रमणशील रहेंगे तथा भ्रमण से संबंधित प्रतिवेदन भी उपलब्ध करेंगे ।
अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान
चुनाव संचालन (संशोधन) नियम, 2019 और चुनाव आयोग के 16 जुलाई, 2020 के निर्णय के साथ पठित चुनाव संचालन (संशोधन) नियम, 2020 के अनुसरण में अनुपस्थित मतदाताओं के निम्नलिखित श्रेणियों को डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान किया जाना है :(i) वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक आयु ) (AVSC ) (ii) बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति (AVPD) (iii) कोविड 19 संदिग्ध या प्रभावित व्यक्ति (AVCO) (iv) आवश्यक सेवा पर मतदाता (AVES )
उपर्युक्त सभी श्रेणी के मतदाता को Postal Ballot की सुविधा दी जाती है यदि वे अपने मतदान केन्द्रों पर जाने में असमर्थ हो या नहीं जा सकते हो ।
ऐसे मतदाता प्रपत्र 12 D में निर्वाची पदाधिकारी को अपना आवेदन देते है। यह आवेदन निर्वाची पदाधिकारी को Date of Notification के 05 दिनों के अन्दर देना होता है ।
निर्धारित अवधि तक प्राप्त होने वाले आवेदन को Postal Ballot निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा जारी किया जाता है तथा संबंधित मतदाता के घर पर पूरी गोपनीयता के साथ मतदान किया जाता है। उक्त सभी प्रक्रिया में Sector Officer की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मॉक पोल का संचालन
मॉक पोल शुरू करने से पहले, बी०यू० और वी०वी० पैट को वोटिंग कम्पार्टमेंट में तथा सी०यू० को प्रभारी मतदान अधिकारी के पास रखा जाता है। बी०यू० की केबल को वी०वी०पैट से तथा वी०वी० पैट को सी०यू० से जोड़ा जाता है।
मॉक पोल निर्धारित मतदान समय से 90 मिनट पहले शुरू होता है, जिसमें मतदान केंद्र पर 2 या 2 से अधिक मतदान अभिकर्ता उपस्थित रहते है ।
यदि एक या कोई मतदान अभिकर्ता उपस्थित नहीं है, तो मॉक पोल शुरू करने के लिए प्रतीक्षा समय 15 मिनट है ।

कम से कम 50 वोट डाले जाते हैं ( नोटा सहित प्रत्येक उम्मीदवार के बटन के लिए वोट दर्ज किए जाते हैं) और सी०यू० के परिणाम को वी०वी०पैट पर्चियों की गिनती से सत्यापित किया जाता है।
→ मॉक पोल से संबंधित वी०वी०पैट पर्चियों पर मॉक पोल स्लिप की मुहर लगाई जाती है और उन्हें काले लिफाफे में रखकर पिंक पेपर सील से सील किया जाता है।
मॉक पोल के बाद मॉक पोल के डेटा को क्लियर करने के बाद सी०यू० के Result Section को ग्रीन पेपर सील, Special टैग और एड्रेस टैग के साथ सील कर दिया जाता है और वी०वी०पैट के ड्रॉप बॉक्स को एड्रेस टैग के साथ सील कर दिया जाता है ।

सेक्टर पदाधिकारी : क्या न करे

प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये वाहन के अतिरिक्त अन्य वाहन का प्रयोग करना ।
राजनैतिक बैठको में भाग लेना।
निर्धारित समय पर प्रतिवेदन समर्पित करना न भुले ।
मतदान केन्द्रों पर भ्रमण किये बिना रूट चार्ट तैयार करना ।
मतदान केन्द्रों पर भ्रमण किये बिना मूलभूत सुविधाओं के संबंध
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर अपेक्षित कार्रवाई न करना ।
नये मतदान केन्द्र भवनों के संबंध में प्रचार-प्रसार न करना ।
मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी से सम्पर्क स्थापित न करना।
राजनितिक दलों एवं उनसे जुड़े व्यक्तियों से किसी प्रकार की सेवा प्राप्त करना ।
गोपनीय सुचनाओं/ जानकारी को सहायक निर्वाची पदाधिकारी / निर्वाची पदाधिकारी एवं निर्वाचन से संबंधित पदाधिकारी के अतिरिक्त किसी अन्य से साझा करना ।
किसी निजी स्थान होटल पर अनावश्यक रूकना।
प्रशासनिक वाहन को बिना साईनेज स्टीकर के उपयोग करना तथा वाहन को अकेले छोड़ना । सुरक्षित ई०वी०एम० वी०वी०पैट को बिना स्टीकर के साथ रखना ।
राजनितिक दलों एवं उनसे जुड़े व्यक्तियों तथा मिडिया से मिलना-जुलना ससमय सूचनाओ को जिला नियंत्रण कक्ष एवं वरीय पदाधिकारियों को न देना । ई०वी०एम० जमा कराये बिना ई०वी०एम० संग्रहण केन्द्र से चले जाना ।

नालंदा जिलान्तर्गत निर्वाचन से संबंधित जानकारियां निम्नवत है :-

29 नालंदा संसदीय निर्वाचन क्षेत्रान्तर्गत , विधानसभा क्षेत्र की संख्या सात , मतदाता की कुल संख्या 2272519,पुरुष 1187876, महिला 1084572 ,थर्ड जेंडर 71, मतदान केंद्र 2364, मतदान भवन 2195,