पटना : कांग्रेस का चरित्र पिछड़ा विरोधी, राहुल बहा रहे घड़ियाली आंसू -मोदी

पटना
  • 1980 में आरक्षण लागू होता तो केंद्र में ओबीसी के 3 नहीं, 30 अधिकारी होते….
  • 1955 में कांग्रेस ने खारिज की कालेलकर आयोग की रिपोर्ट….
  • मोरारजी सरकार ने मंडल आयोग बनाया, वीपी सिंह ने लागू किया….
  • दोनों सरकारों को था भाजपा का समर्थन, कांग्रेस मंडल- विरोधी रही…..

स्टेट डेस्क/पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस ने 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की होती या 1989 में इसके लागू होने का विरोध नहीं किया होता, तो आज केंद्र सरकार में पिछड़े वर्ग के सिर्फ तीन नहीं, 30 से ज्यादा अधिकारी होते।

मोदी ने कहा कि राहुल गांधी प्रशासन में ओबीसी अधिकारियों की कमी के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, जबकि यह जख्म खुद उनकी पार्टी और परिवार ने दिये हैं। यह सब इंदिरा गांधी और राजीव गाँधी की राजनीतिक गलती का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1955 में गठित पहले पिछड़ा वर्ग आयोग ( कालेलकर कमीशन) की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया और अगले 15 साल तक दूसरा आयोग भी नहीं बनाया।

मोदी ने कहा कि 1977 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर जब मोरारजी देसाई की सरकार बनी, तब मंडल आयोग का गठन हुआ। उस सरकार में अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे। उन्होंने कहा कि 1989 में जब वीपी सिंह की सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की, तब उसे भाजपा का समर्थन प्राप्त था।

मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी माँ सोनिया गाँधी से पूछना चाहिए कि राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध क्यों किया था? उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चरित्र हमेशा पिछड़ा विरोधी रहा। इसकी सजा कई पीढ़ियों को भुगतनी पड़ी।