पटना : लोकतांत्रिक भारत तानाशाही को वैधता नहीं देगा : दीपंकर भट्टाचार्य

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 15 अगस्त के वक्तव्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आजादी की 76 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री का संबोधन एक निराशाजनक चुनावी भाषण था.

भ्रष्टाचार व वंशवाद की राजनीति पर उन्होंने वही पुरानी उबाऊ किस्म की बयानबाजी की. फासीवादी शासन के खिलाफ राजनीतिक एकता के उभरते संकेतों से साफ तौर पर उनमें डर दिखा.सत्ता में फिर से लौटने के उनके घमंडी दावे की हकीकत यह है कि उनके पैरों के नीचे की जमीन हर दिन खिसक रही है.

माले महासचिव ने कहा, भारत के संसदीय लोकतंत्र की संवैधानिक नींव और भारत के विविध सामाजिक ताने-बाने की समग्र संस्कृति पर और अधिक निर्लज्ज हमले होंगे.
संसद के अंदर औपनिवेशिक विरासत और मानसिकता को समाप्त कर देने और सजा पर न्याय को प्राथमिकता देने के दावे के साथ सरकार दंड संहिता (1860), दंड प्रक्रिया संहिता (1974) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) की जगह पर नए विधेयक ला रही है. लेकिन असल में ये विधेयक राज्य को और अधिक व्यापक शक्तियों से लैस करने वाले हैं ताकि नागरिकों के व्यक्तिगत और सामूहिक अधिकारों को कमजोर किया जा सके और उनके जीवन-स्रोत लोकतंत्र – लोगों के अधिकार – को नष्ट किया जा सके.उदाहरणस्वरूप, 15 दिनों के वर्तमान मानदंड के बजाय पुलिस को अब किसी की भी 60 से 90 दिनों की विस्तारित हिरासत मिल सकेगी.

उन्होंने कहा, ’देशद्रोह’ शब्द को केवल इसलिए हटाया जाएगा ताकि असहमति के लगभग हर तरीके को ’आतंकवादी गतिविधि’ के रूप में अपराध घोषित करने की संभावना का विस्तार किया जा सके.

माले महासचिव ने कहा, भले ही नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खूब बातें कीं और अपनी सरकार को घोटाला-मुक्त शासन कहा, लेकिन अब हमारे पास सरकार के लगभग हर विभाग में घोटालों को उजागर करने वाली सीएजी रिपोर्टें हैं.
द्वारका एक्सप्रेसवे ने लागत में चौदह गुना वृद्धि दर्ज की है, प्रति किलोमीटर 18 करोड़ रुपये के स्वीकृत अनुमान के मुकाबले प्रति किलोमीटर 250 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

बहुप्रचारित आयुष्मान भारत एक घोटाला-ग्रस्त योजना के रूप में सामने आया है, जिसमें एक ही मोबाइल नंबर 9999999999 पर 750,000 से अधिक लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है, और मृत रोगियों और लापता अस्पतालों के नाम पर भारी रकम निकाली गई है.वृद्धावस्था पेंशन के लिए दिए गए फंड को मोदी सरकार के प्रचार अभियान चलाने के लिए डायवर्ट किया गया पाया गया है.स्वदेश दर्शन तीर्थयात्रा योजना के नाम पर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के साथ अयोध्या विकास परियोजना में एक बार फिर अनियमितताएं सामने आई हैं.

उन्होंने कहा कि विगत दस वर्षों में शासन के हर क्षेत्र में पहले ही भारी नुकसान हो चुका है, इसने भारत को बड़े पैमाने पर बर्बाद और मंद कर दिया है, जिसने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों, संविधान के सिद्धांतों और अरब से अधिक भारतीयों की आकांक्षाओं और अधिकारों का मजाक उड़ाया है.
मणिपुर से लेकर हरियाणा तक, कानून के शासन ने जातीय हिंसा और लक्षित बुलडोज़र के राज्य-प्रायोजित अभियानों को रास्ता दे दिया है. अब समय आ गया है कि भारत जीवन के सभी मोर्चों पर मोदी शासन द्वारा जारी आपदाओं की शृंखला को रोकने और भारत को फासीवादी विनाश से मुक्त करने के लिए स्वतंत्रता के लिए चले महान उपनिवेशवाद-विरोधी लड़ाई से ताकत और प्रेरणा लें.