पटना : जाति गणना पर आज फिर होगी हाइकोर्ट में सुनवाई,14 जुलाई से पहले देना होगा फैसला!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : जाति गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई होगी। सोमवार को चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन व जस्टिस पार्थसारथी की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरीय वकील अपराजिता सिंह और पटना हाईकोर्ट के सीनियर वकील दीनू कुमार ने बहस की।

अपराजिता ने कोर्ट को कहा कि सरकार बिना कानून बनाये जाति जनगणना कराना चाह रही है। जानकारी नहीं देने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान भी बनाया गया है। लेकिन महाधिवक्ता पीके शाही ने इसे गलत बताया । उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन में ऐसा कुछ भी नहीं है। जस्टिस विनोदचंद्रन ने अपराजिता से पूछा कि आपके पास नोटिफिकेशन की कापी है तो उनका जवाब था कि सरकार के शपथ पत्र में लिखा है कि जानकारी न देने पर कार्रवाई होगी।

दरअसल, हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से बताई जा रही ‘जाति गणना’ को प्रथम दृष्टया जाति आधारित जनगणना माना था और इसपर अंतरिम रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद अगली तारीख तीन जुलाई तय की थी। हाईकोर्ट के अंतरिम रोक के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन राहत नहीं मिली।

पटना हाईकोर्ट ने 04 मई को अंतरिम फैसला राज्य सरकार के खिलाफ दिया था। कोर्ट ने जाति गणना प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए 04 मई तक जुटाए सभी डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था। पटना हाईकोर्ट से अपने खिलाफ अंतरिम आदेश आने पर नीतीश सरकार अगली तारीख का इंंतजार किए बगैर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा- “पटना हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले में काफी हद तक स्पष्टता है, लेकिन अंतिम फैसला आए बगैर सुप्रीम कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं होगी। हाईकोर्ट अपनी दी तारीख 03 जुलाई पर सुनवाई कर फैसला नहीं देगा तो सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को यहां दलील सुनेगा।