भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता फुलदेव कुशवाहा का निधन, पार्टी ने जताया शोक

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने पश्चिम चंपारण के वरिष्ठ नेता और  पूर्व जिला कमिटी सदस्य कामरेड फुलदेव कुशवाहा के निधन पर शोक प्रकट किया है और पूरी पार्टी की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी है. 72 वर्षीय कुशवाहा का निधन विगत 17 अप्रैल को अपराह्न 3.30 बजे हो गया था. वे एक साल से अधिक समय से बीमार चल रहे थे. वे हाईलेवल शुगर और बीपी के शिकार थे.

का. फुलदेव कुशवाहा युवा अवस्था में ही सामंती जुल्म व अत्याचार के खिलाफ सामाजिक बदलाव के संघर्ष में उतर गए थे. 80-81 के दौर में ही पीसीसी (सत्यनारायण सिंह गुट) से जुड़े और 1986 में भाकपा-माले से चनपटिया के जुल्मी ज़मींदार शान्ति शाही के खिलाफ संघर्ष का उन्होंने सफल नेतृत्व किया था. भाकपा-माले के झंडे तले भरवलिया, महछी, सोनबरसा, मंगलहिया, बिरईठ, सुन्दरगांवा आदि दर्जनों गांवों के गरीबों को उन्होंने संगठित कर शांति शाही के खिलाफ संघर्ष किया.

जनता के हक अधिकार की लडाई के दौरान का. फुलदेव कुशवाहा पर दर्जनों फर्जी मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन वे अडिग रहे. जन आंदोलन के दौरान उन्होंने चार बार जेल की यात्रा भी की. हर बार जेल से निकलने के बाद वे और भी अधिक उत्साह के साथ पार्टी के काम में लग जाते थे. उन्होंने सिकटा, मैनाटाड़, नरकटियागंज, लौरिया, चनपटिया आदि कई प्रखण्डो में पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया और जिले में पार्टी के विस्तार में भूमिका निभाई.

बीमार होने के बावजूद उन्होंने विगत विधानसभा चुनाव के दौरान सिकटा विधान सभा चुनाव में काम किया. का. फुलदेव कुशवाहा ने हमेशा जनता और पार्टी के काम को प्राथमिकता दी. उनके निधन से पार्टी ने अपना एक लड़ाकू व लोकप्रिय जन नेता खो दिया है. पार्टी उनके अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प लेती है और उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती है.