देश में कहीं से भी डाल सकेंगे वोट, चुनाव आयोग ने विकसित किया ‘रिमोट ईवीएम’ मॉडल

दिल्ली

Central Desk: निर्वाचन आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट ईवीएम’ का एक शुरुआती मॉडल विकसित किया है, जिसके जरिये एक मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘रिमोट वोटिंग’ की सुविधा दी जा सकेगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ”रिमोट वोटिंग एक परिवर्तनकारी पहल साबित होगी।” रिमोट वोटिंग के लिए चुनाव आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) तैयार किया है। यह मशीन एक पोलिंग बूथ से 72 अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग करवा सकती है।
एक बयान के अनुसार, आयोग ने ‘रिमोट वोटिंग’ पर एक अवधारणा पत्र जारी किया है और इसे लागू करने में पेश होने वाली कानूनी, प्रशासनिक प्रक्रियात्मक, तकनीकी तथा प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार मांगे हैं।

निर्वाचन आयोग ने 16 जनवरी को घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट ईवीएम’ का शुरुआती मॉडल दिखाने के वास्ते सभी दलों को आमंत्रित किया है। 16 जनवरी 2023 को चुनाव आयोग आरवीएम के काम करने के तरीके के बारे में 8 राष्ट्रीय पार्टियों और 57 राज्य स्तर की पार्टियों को बताएगा। इस मौके पर चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम और एक्सपर्स्ट्स भी वहां मौजूद रहेंगे, जो इसके तकनीक के बार में बताएंगे।

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से 31 जनवरी तक इस वोटिंग सिस्टम को लेकर अपनी राय देने को कहा है। आयोग के मुताबिक सभी राजनीतिक दलों के फीडबैक के आधार पर आरवीएम से वोटिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। अगर इस वोटिंग सिस्टम को हरी झंडी मिल जाती है तो प्रवासी लोगों यानी घर से दूर दूसरे शहरों में या राज्यों में रहने वाले लोगों के लिए वोट डालने की टेंशन खत्म हो जाएगी। वो अपने निवास स्थान के लिए नेताओं को चुनने में बिना वहां पहुंचे भागीदार बन सकेंगे।

अक्सर, लोग पढ़ाई और नौकरी के लिए दूसरे शहरों का रुख करते हैं और फिर चुनाव के दौरान उनका वहां से अपने घर पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वोटर्स की बड़ी संख्या वोटिंग के अपने अधिकार से वंचित रह जाती है।

गौरतलब है कि इसी साल जून में आयोग ने बताया था कि दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोटर्स चुनावों में वोट नहीं डाल पाते और वोटिंग के अधिकार से वंचित रह जाते हैं, इसलिए रिमोट वोटिंग की संभावनाएं तलाशी जा रहीं हैं। रिमोट वोटिंग का मतलब है कि आप जहां, जिस राज्य में हैं वहीं पर अपना वोट डाल सकते हैं। इस व्यस्था की मांग NRIs भी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में 2013 में प्रवासियों ने वोटिंग का अधिकार देने के लिए याचिका दायर की थी। इसमें दलील दी थी कि बस नियमों में बदलाव करके ही NRIs को वोटिंग का अधिकार दिया जा सकता है और इसके लिए कानून में संशोधन करने की जरूरत नहीं है।