West Champaran: जन सुराज पदयात्रा के 18 वें दिन नरकटियागंज शिविर में प्रशांत किशोर ने किया जन संवाद

पश्चिमी चंपारण

कहा- पश्चिम चंपारण के लोग तय करेंगे जन सुराज की आगे की रणनीति

Champaran,Rajan Dwivedi : प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा ने 17 दिन पूरे कर लिए। आज 18वें दिन पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में विश्राम के दिन उन्होंने मीडिया से पदयात्रा का अनुभव साझा किया। बताया कि वे पदयात्रा में रोज लगभग 15-20 किलोमीटर चलते हैं, और जब 15 से 20 पंचायत का भ्रमण हो जाता है तब एक जगह रुकते हैं। ताकि जिन पंचायतों से पदयात्रा गुजरी है, वहां के स्थानीय समस्याओं पर लोगों से मिलकर उसे सुन व समझ कर उसे संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें। प्रशांत किशोर ने कहा कि “पदयात्रा के माध्यम से हम हर गांव, पंचायत से गुजर रहे हैं और लोगों की मूल समस्या समझने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जब पश्चिम चंपारण छोड़ें उससे पहले पश्चिम चंपारण के हर पंचायत की समस्याओं के आधार पर घोषणा पत्र बना सकें।

पश्चिम चंपारण जिले के जिन सही लोगों को हमने चिन्हित किया है या जो लोग हमसे जुड़े हैं उनका एक जिला स्तर का सम्मेलन किया जाएगा। उसमें हम जन सुराज की आगे की रणनीति तय करेंगे। नरकटियागंज की जन समस्याओं पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के दवाब में पश्चिम चंपारण के गन्ना किसानों ने एक नई तरह के गन्ने की फसल का उत्पादन शुरू किया है। लेकिन इस गन्ने में कई तरह के रोग की शिकायत आ रही है। जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। शिक्षा की स्थिति भी बदहाल है। छात्रों ने सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों में भी दाखिला लिया हुआ है, ताकि सरकारी स्कूलों का जो भी थोड़ा लाभ मिल रहा है, वो भी लेते रहें।

पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि अबतक पदयात्रा जिन गांव पंचायतों से गुजरी है वहां कोई भी सुचारू अस्पताल नहीं। जो खुले में शौच से मुक्त बिहार की स्कीम चलाई जा रही है, वह कहीं दिखाई नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी लोगों को घूस देना पड़ रहा है। साथ ही नरकटियागंज से भिखनाठोड़ी की छोटी रेलवे लाइन को जल्द शुरू किया जाना चाहिए। ताकि बड़ी संख्या में लोगों को नरकटियागंज आने-जाने में सहूलियत हो सके।