सहनी का छलका दर्द, फेसबुक लाइव आकर कहा- मेरे साथ हो रही कूटनीति

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स्टेट डेस्क: बिहार में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच मंत्री मुकेश सहनी मंलगवार को फेसबुक लाइव आए. इस दौरान उनका दर्द छलका. उन्होंने कहा, ” मेरे साथ राजनीति नहीं कूटनीति हो रही है. मेरे सहयोगी मेरे साथ कूटनीति कर रहे हैं. हमारा तेजी से आगे बढ़ना उन्हें अच्छा नहीं लग रहा. हमारी सफलता सामने वाले को हजम नहीं हो रही. लेकिन हमें घबराना नहीं है, मजबूती से डट कर सामना करना है.”

सहनी ने कहा, ” आप ही बताइये जिन लोगों ने 2020 में 11 सीट और एक एमएलसी पद का ऑफर देकर आपको साथ लिया और आपके सामने झुके. वो अब ऐसा कैसे कर सकते हैं. मैं किसी के दरवाजे पर नहीं गया था. लोगों ने हमें हमारी ताकत को देख कर बुलाया. मैं शाहरुख खान तो नहीं दिखता था कि उन्होंने सोचा होगा कि उसे बुला लेते हैं.”

मंत्री ने कहा, ” 2019 में सिमरी बख्तियारपुर से जब हम अपने दम पर 25 हजार से अधिक वोट लाए तो उन्हें आभास हुआ कि बिहार का निषाद सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी के साथ है. आज एक सीट के लिए इतना बवाल किया जा रहा है, ये उनकी अपनी रणनीति है. वो उस पर काम करें. हमारे पास अपने बहुत सारे काम हैं, जो हमें करना है.” 

पहले दिन से परेशान कर रहे लोग

सहनी ने कहा, ” जब से हम सरकार में आए हैं, डे-वन से हमें परेशान किया जा रहा है. हमने गृह मंत्री के कहने पर उनके उम्मीदवारों एडजस्ट करने का काम किया. लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने हमारी पार्टी तोड़ कर उन उम्मीदवारों को अपने में मिला लिया. ये जानबूझकर ऐसा कर रहे ताकि हम गलती करें और इनको और कुछ करने का मौका मिले. हम यूपी में चुनाव लड़े. ताकत बढ़ाने की कोशिश की. लाखों लोगों ने साथ दिया. लेकिन ये बात लोगों को हजम नहीं हुआ.”

वीआईपी नेता ने कहा, ” एनडीए में तो हम आज नहीं हैं. लोगों ने हमें एनडीए से निकाल दिया है. अगर हम एनडीए में होते तो हमें हमारा हक मिलता. हमने हमेशा अपना धर्म निभाया. लेकिन हमें आज गठबंधन में हमारा हक नहीं मिल रहा. वो हमें निकाल चुके हैं. ऐसे में अब हमें अपने ढंग से काम करना है.”

सहनी बोले, ” एमएलसी चुनाव में जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी को एक भी  सीट नहीं दिया गया. हमने हमेशा उनके प्रति इमानदारी रखी कभी गद्दारी नहीं की. आज मुझे अफसोस हो है कि हम उस दिन लालू जी की बात मान लेते तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता. लेकिन हम लोग स्वाभिमानी हैं. हमें अपने फैसले पर गर्व है. चार-चार मंत्री बनाने का ऑफर था. उपमुख्यमंत्री बनाने का ऑफर था. लेकिन हमने सारे ऑफर ठुकरा कर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया.”