हॉस्टल में रहकर प्रशिक्षण लीजिए फिर मिलेगी यूपी टीम में जगह

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Kanpur, Bhupendra Singh : यूं तो यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के , पूर्व सचिव राजीव शुक्ला के निजी सहायक (पीए) अकरम सैफी दिल्ली में अपना क्रिकेट छात्रावास चला रहे हैं और वहीं से ही यूपी की टीम का चयन भी हो रहा है। इस बात में दम इसलिए भी दिखायी दे रहा है कि वर्तमान समय में यूपी की टीम में कप्तान करन शर्मा के साथ प्रियम गर्ग, समीर रिजवी, समीर चौधरी, हरदीप सिंह आदि अकरम के क्रिकेट छात्रावास में रहकर वहीं से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ये सारे खिलाडी वैसे तो आधार कार्ड के मुताबिक प्रदेश के ही शहरों में जन्मे और पले बढे हैं लेकिन टीम में शामिल होने के लिए राजधानी में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

यूपीसीए के पूर्व सचिव के सहायक रहे अकरम सैफी पर पूर्व में भी किसी खिलाडी ने टीम में शामिल कराने के बदले रिश्वत देने और लडकी मंगवाने का आरोप लगाया था। साथ ही क्रिकेटर ने यह आरोप भी लगाया था कि अकरम के छात्रावास में सुविधाओं और ट्रेनिंग के बदले हर महीने मोटी रकम वसूली जाती है। बाद में इन लड़कों को यूपी में अलग-अलग क्रिकेट टीमों में जगह दी जाती है। कमोवेश यही प्रक्रिया आज भी अनवरत जारी है बस अब थोडा तरीका कदल दिया गया है अब सीधे तौर पर खिलाडी से नही चयनकर्ताओं के माध्यम से डील की जा रही है।

बता दें इन खुलासों दौर उस वक्त शुरू हुआ, जब युवा क्रिकेटर राहुल शर्मा ने एक निजी चैनल पर अकरम पर सिलेक्शन के बदले लड़की और रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।कुछ लोगों के साथ फोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद अकरम को बीसीसीआई ने निलंबित कर आंतरिक लोकपाल चंद्रमौलि कुमार प्रसाद जांच भी करवायी थी लेकिन रसूख के चलते मामले को दबा दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, यूपी क्रिकेट में अकरम का इतना रसूख था कि वो अपनी ‘मर्जी’ से टीम में खिलाड़ियों को अंदर-बाहर करवाता था और वह आज भी वही कर रहे हैं ।

आरोप है कि चयनकर्ता भी उनके इशारे पर नाचने को मजबूर थे जो आज भी देखे जा सकते हैं। इसी कारण पिछले कई साल से जूनियर से सीनियर लेवल तक शानदार प्रदर्शन कर चुके लड़कों को टीम से अचानक बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह दूसरे प्रदेशों के लड़कों को टीम में जगह दी गई है। जांच के बाद पता चला कि ये लड़के दिल्ली में अकरम के ‘हॉस्टल’ में रहकर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे। इसके संचालन में आईपीएल खेल चुके एक क्रिकेटर का भी हाथ माना जा रहा है। दिल्ली के एक क्षेत्र में क्रिकेट छात्रावास चला रहे अकरम सैफी के दरबार में आज भी सुबह से लेकर शाम तक क्रिकेटर और उनके अभिवावकों की भीड जुटी ही रहती है।

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