यूपी के सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव चाहते हैं : चुनाव आयोग

News उत्तर प्रदेश लखनऊ

स्टेट डेस्क/दिवाकर श्रीवास्तव। चुनाव आयोग ने लखनऊ में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यूपी के सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव चाहते हैं। कुछ राजनीतिक दल ज्यादा रैलियों के खिलाफ हैं। सूबे में फाइनल वोटर लिस्ट पांच जनवरी के बाद आएगी। इसका मतलब है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान पांच जनवरी के बाद ही होगा।

चुनाव आयोग ने वोटिंग टाइम भी एक घंटा बढ़ाने का ऐलान किया। मतदान के दिन सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। आयोग ने कहा कि पार्टियां घनी आबादी वाले इलाकों में बूथ बनाने के खिलाफ हैं। रैलियों में कोविड के नियमों को लेकर हम भी चिंतित हैं। राजनीतिक पार्टियों से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी बात हुई है। चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी में इस बार 52 फीसदी नए वोटर हैं। फाइनल वोटर लिस्ट पांच जनवरी को आएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी वोटिंग बूथ परवीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए करीब एक लाख वोटिंग बूथ पर लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य में अब तक मतदाताओं की कुल संख्या 15 करोड़ से अधिक है। अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाता के वास्तविक आंकड़े आएंगे। अंतिम प्रकाशन के बाद भी अगर किसी का नाम ना आए तो वह क्लेम कर सकता है।

एसएसआर 2022 के अनुसार अब तक 52.8 लाख नए मतदाताओं को शामिल किया गया है। इसमें 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। 18-19 आयु वर्ग के 19.89 लाख मतदाता हैं। सुशील चंद्रा ने कहा कि वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में 61 फीसदी मतदान हुआ था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में 59 प्रतिशत वोट पड़े थे। यह चिंता की बात है कि ऐसे राज्य जहां राजनीतिक जागरूकता इतनी ज्यादा है, वहां कम वोटिंग क्यों हो रही है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह भी कहा कि रैलियों में नफरती भाषण व रैलियों में हो रही भीड़ पर भी कुछ दलों ने चिंता जताई है। पोलिंग बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला बूथकर्मी की भी मांग की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 80 साल से अधिक मतदाताओं को, दिव्यांगजनों को और कोविड पेशेंट का वोट चुनाव आयोग की टीम घर जाकर कास्ट कराएगी। पहली बार ये सुविधा दी जा रही है। 1500 लोगों पर एक बूथ होता था लेकिन इस बार 1250 मतदाता एक बूथ पर जाएंगे। इस तरह 11000 मतदान केंद्र बढ़ गए हैं, अब 1,74,351 मतदान स्थल हैं।

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें :

मतदाता जागरूकता और सुरक्षा व्यवस्था संबंधी सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बातचीत की गई।

जीएसटी, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट समेत तमाम विभागों से बातचीत की गई।

प्रमुख सचिव डीजी पुलिस हेल्थ सेक्रेट्री से भी मुलाकात की है।

सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन से समय पर चुनाव होने की बात कही।

कुछ राजनीतिक दलों ने रैलियों में कोरोना के उल्लंघन का भी जिक्र किया।

पोलिंग बूथों पर महिला पुलिस कर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था की बात कही।

प्रशासन के पक्षपाती रवैया की भी राजनीतिक पार्टियों ने शिकायत की।

कुछ राजनीतिक पार्टियों ने उनकी पार्टियों की रैलियों पर रोक लगाने का भी जिक्र किया।

रैलियों में हेट स्पीच और पेड न्यूज़ पर भी चिंता जाहिर की।

भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया है।

आयोग ने और क्या-क्या कहा :

80 वर्ष से अधिक और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे बैलेट पेपर से वोट देने की अनुमति मिलेगी।

सभी पोलिंग बूथों पर मतदान संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

यूपी के 800 पोलिंग बूथ ऐसे होंगे जहां पर सभी कर्मचारी महिला ही होंगे।

महिला सशक्तिकरण के लिहाज से चुनाव आयोग एक बड़ा कदम उठा रहा है।

11 तरह के पहचान पत्रों के जरिए मतदाता मतदान कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश का पूरा चुनाव ईवीएम वीवीपैट के थ्रू ही होगा।

यूपी में 1 लाख पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी।

मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए आयोग प्रयास कर रहा है।

यूपी में 86 परसेंट लोगों को पहली डोज और 49% लोगों को दोनों डोज़ लग चुकी हैं।

पोलिंग बूथ पर ड्यूटी पर लगाए गए सभी अफसर 100% वैक्सीनेटेड होंगे।

मतदान के समय में एक घंटा बढ़ाया जाएगा।

सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक मतदान कर सकेंगे लोग।

3 साल तक एक ही जगह पर जमे हुए अफसरों के होंगे तबादले।

सी विजिल ऐप के जरिए चुनाव में गड़बड़ियों पर नजर रखी जाएगी।

आपराधिक छवि के लोगों को चुनाव लड़ने से पहले अपने बारे में अखबारों और टीवी के माध्यम से जानकारी देनी होगी।

अपने ऊपर दर्ज मुकदमों के बारे में जनता को बताना होगा।

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