कानपुर : खार्कीव में बहन से बिछड़ा आरव आज अपने घर कानपुर पहुंचा

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कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। यूक्रेन की वीएन कराजिन खार्कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र ग्वालटोली निवासी आरव सिंह 12 दिन बाद आखिरकार बार्डर पार कर रोमानिया पहुंच गया। यहां से सोमवार की रात उसने भारत के लिए उड़ान भरी। मंगलवार सुबह वह दिल्ली पहुंचा। वहां उसे लेने के लिए उसकी मां मधुरिमा और बहन अक्षरा भी पहुंच गयीं। इसके बाद आरव अपनी मां और बहन के साथ दोपहर 11.30 बजे कानपुर अपने घर पहुंच गया।

विदित हो कि ग्वालटोली सूटरगंज निवासी डीजी कालेज की प्रो. मधुरिमा सिंह के दोनों बच्चे आरव और अक्षरा खार्कीव में साथ पढ़ते हैं। 24 फरवरी को जब रूसी सेना ने हमला किया तो वे दोनों भी अपने हास्टल में बाकी विद्यार्थियों के साथ फंस गए। एक मार्च को रूसी सेना ने खार्कीव को खाली करने का फरमान सुनाया तो दोनों साथ में ही वहां के रेलवे स्टेशन पहुंचे।

स्टेशन पर भीड़ ज्यादा थी। जैसे-तैसे आरव ने अक्षरा व उसकी सहेलियों को ट्रेन में चढ़ा दिया, लेकिन खुद नहीं चढ़ पाया। इसी दौरान यूक्रेन की पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग कर दी। इससे भगदड़ मच गई और आरव स्टेशन पर ही छूट गया। जब बहन कानपुर लौटी तो स्वजन एक तरफ तो खुश थे लेकिन दूसरी ओर आंसू नहीं थम रहे थे।

आरव के घर पहुंचने पर परिवार वाले ख़ुशी से झूम उठे। मौके पर आरव और अक्षरा ने बिफोर प्रिंट से बात करते हुए यूक्रेन में युद्ध के दौरान हुई परेशानी से अवगत कराया। साथ ही सकुशल घर वापसी होने पर उन्होंने भारत सरकार को धन्यवाद दिया। साथ ही अपने शुभचिंतकों का आभार जताया।

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