कानपुर : यूपीसीए के लिए लोढ़ा समिति के सभी नियम-कानून ठेंगे पर

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कानपुर/बीपी टीम। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन लोढ़ा समिति की सिफारिशों के लिए बनाए गए नियम व कानून को ठेंगे पर रख रही है यही नहीं वह असंवैधानिक तरीके से चुनाव कराने पर भी पूरी तरह से अमादा दिखाई दे रही है।

यूपीसीए के खिलाफ हाईकोर्ट में मामले लंबित चल रहे हैं लेकिन उनको भी दरकिनार कर वह होटलों में बड़े स्तर पर आयोजन भी करता ही जा रहा है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान जहां कोविड प्रोटोकाल को मानने पर सभी राजनीतिक दल मजबूर है वहीं यूपीसीए को किसी बात का डर नही है। वह यूपीसीए के सभी सदस्यों को लेकर होटलों में मनोरंजन के साथ अपने संघ की चुनावी प्रक्रिया को अंजाम देने में मशगूल है।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों को न मानने की जिद पर भी यूपीसीए मानो अड़ा ही है तभी वह संवैधानिक तरीके संघ का चुनाव मनमाने ढंग से करवा रहा है। लोढ़ा समिति की सिफारिश का पहला उल्लंघन वाला मामला ही असंवैधानिक तरीके से चुनाव है, जिसमें उपाध्यक्ष पद के लिए लखनऊ के श्याम बाबू गुप्ता ने पर्चा जरूर भरा है लेकिन वे शायद यह भूल गए कि वह लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अंदर समाहित ही नहीं होने वाले हैं।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों की माने तो बीसीसीआई से संबंधित कोई भी क्रिकेट एसोसिएशन का सदस्य 70 साल से ऊपर नहीं होना चाहिए, जबकि श्याम बाबू की उम्र 73 से ज्यादा है। यही नहीं कई निदेशकों को लाभ के पद पर भी नियुक्त करने में संघ के कई सदस्य पीछे नहीं हट रहे हैं, जबकि समिति की सिफारिशों में यह स्पष्ट रूप से अंकित है कि एक व्यक्ति के पास केवल एक ही पद निर्धारित रह सकता है।

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लोढ़ा समिति के मुताबिक निदेशक पद के व्यक्ति के पास कोई और पद हो नही सकता जबकि प्रेम मनोहर गुप्ता पहले से ही निदेशक पद नियुक्त है और वह एपेक्स कमेटी के चेयरमैन भी बनाए जाने की ओर अग्रसर हैं। यूपीसीए के सभी पदाधिकारी भी ऐसे मामलों में बिल्कुल चुप्पी साधे हुए है वह किसी भी मसले में बोलने को तैयार ही नहीं है।