नवाबगंज के संवासिनी गृह में हुई महिला की मौत की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग

कानपुर

कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। नवाबगंज में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किशोरी की माँ की मौत पर शहर के जनप्रतिनिधि भी पुलिसिया हरकत से खफा हैं। खास तौर पर सपा के प्रतिनिधि। सोमवार को आरोपी किशोरी की मां संवासिनीगृह के बाथरूम में फांसी से लटकी मिली थी। आर्यनगर विधानसभा के विधायक अमिताभ बाचपेई का कहना है कि पूरा मामला ही संदिग्ध है।

पहले महिला की मौत हुई बाद में तहरीर दर्ज हुई। उन्होंने हाईकोर्ट के जज से मामले की जांच कराने की मांग की है। मंगलवार को कानपुर पुलिस कमिश्नर का दफ्तर उस वक्त गहमागहमी से भर गया जब आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई, सीसामऊ विधायक इरफान सोलंकी, कैंट विधायक मो. हसन रूमी वहां पहुंचे।

इन जनप्रतिनिधियों ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से मिलकर नवाबगंज थाने में हुई महिला की कस्टोडियल डेथ के मामले में कमिश्नर से वार्ता कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कमिश्नर को सौंपे ज्ञापन में घटना की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराने की मांग रखी।

साथ ही कहा कि घटना के संदिग्ध अधिकारियों को तत्काल हटाए जाना चाहिए। साथ ही पीड़ित के परिजनों को उचित मुआवजा भी मिलना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार के हनन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। फिर भी न बड़े अफसर कुछ कर रहे हैं न ही शासन। उन्होंने इस बात की भी जांच करने की मांग की कि जिस किशोरी पर चोरी का आरोप लगाया जा रहा है वह बाल श्रम के दायरे में तो नहीं आती।

दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि जिस व्यक्ति ने किशोरी पर चोरी का आरोप लगाया था अब वह 10 लाख रुपया बतौर मुआवजा देने को तैयार है। इससे प्रतीत होता है कि मामला काफी संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि जांच में ही स्पष्ट हो सकेगा की मृतक महिला से कोई अभद्रता या उसके साथ कोई हादसा तो नहीं हुआ है। इस दौरान विधायकों के साथ में नीरज सिंह, सर्वेश यादव, बबलू मिश्रा और अधिवक्ता आकाश यादव आदि मौजूद रहे।