कानपुर मेट्रो की टीम ने किया स्वतंत्रता सेनानियों को याद

कानपुर

कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। 1857 के भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आज कानपुर मेट्रो के मोतीझील मेट्रो स्टेशन पर विभिन्न कार्यक्रमों की आयोजन हुआ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) पूरे उत्साह के साथ आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इसी श्रृंखला में आज का आयोजन संपन्न हुआ। देश के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए आज शाम लगभग 5 बजे से मेट्रो स्टेशन पर कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसकी पहली कड़ी में यूपीएमआरसी के प्रतिभागी स्टाफ़ ने वीर रस से ओत-प्रोत कविता-पाठ किया और अपने साहित्यिक रुझान एवं कौशल की झलक दिखलाई।

इस संगोष्ठी में मनोज कपूर (इतिहासकार), डॉ. हेमलता सिंह (इतिहासकार/प्राध्यापक) और डॉ. सुबोध सक्सेना (प्राध्यापक) अतिथि वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए। सभी ने उक्त विषय पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। विमर्श की शुरुआत करते हुए, डॉ. हेमलता सिंह ने कहा, “कानपुर ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा तब दी, जब नाना साहेब ने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ विद्रोह का बिगुल फूँका। एक तरफ़ जहाँ राजा-रजवाड़े क्रांति को लेकर बँटे दिख रहे थे, वहीं नाना साहेब ने एक सफल नेतृत्व प्रस्तुत किया और क्रांति को नई दिशा मिली।”

परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए डॉ. सुबोध सक्सेना ने बताया कि 1857 में आज़ादी के संघर्ष का जो बीज बोया गया, वह किस तरह आगे चलकर स्वतंत्रता के व्यापक और संगठित संघर्ष के रूप में फलीभूत हुआ। अंत में मनोज कपूर ने कहा, “नाना साहेब पर कानपुर छोड़ने के दौरान नाँव पर सवार अंग्रेज़ों के नरसंहार का आरोप लगता है, जबकि सच यह है कि भागते हुए अंग्रेज़ों ने मल्लाहों पर गोलियाँ चलाई थीं और उसके जवाब में क्रांतिकारियों ने अंग्रेज़ों पर गोलीबारी की।” अपनी बात को समाप्त करते हुए उन्होंने 1857 की क्रांति के इतिहास पर शोधपरक नज़रिया रखने की सलाह भी दी।

अंत में सभी अतिथि वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए इसे सामाजिक सरोकार की दिशा में एक अच्छा कदम बताया और कहा कि ऐसे आयोजन आज की पीढ़ी को आज़ादी के संघर्ष के प्रति जागरूक करने के लिए बहुत आवश्यक है। कार्यक्रम के अंतिम चरण में, काव्य-पाठ के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। निधि सिंह ने प्रथम स्थान, दीक्षा तिवारी ने द्वितीय और देवेन्द्र सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।